रायपुर। Arvind Netam Left Congress: वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम को कांग्रेस ने इस्तीफा दे दिया है। अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा। इस्तीफे में नेताम ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आह्वान पर कांग्रेस (Congress) में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के असहयोगपूर्ण रवैये के कारण मुझे निराशा हुई। नेताम के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा की गोद में खेल रहे हैं नेतामः सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नेताम ने बहुत देर कर दी। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उन्होंने सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले उम्मीदवार खड़ा किया था। वैसे भी जो आदमी पार्टी के खिलाफ काम करता है, वह खुद ही निष्कासित हो जाता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के समय उनको नोटिस दिया गया था। वह भाजपा की गोद में खेल रहे हैं। भाजपा नेताओं के साथ उनकी बैठकें भी हो रही है। कांग्रेस ने कुछ कारणों से उनको पार्टी से नहीं निकाला। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि उनको पहले पार्टी से निकाल देते तो हो सकता था कि एक और दल बदलते रहते।
अरविंद नेताम के पत्र में झलकी निराशा
नेताम ने अपने इस्तीफे में लिखा कि प्रदेश सरकार राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम कर रही है। कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन पर ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इस तरह ये आदिवासी विरोधी सरकार है, इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।
नेताम का कांग्रेस ने किया सम्मान: ताम्रध्वज साहू
अरविंद नेताम के इस्तीफे पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सरकार आने के बाद कांग्रेस ने उन्हें पूरा सम्मान दिया है। उन्हें अगर किसी बात की कमी महसूस हुई है, तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से चर्चा कर हल निकालना चाहिए।
कांग्रेस सरकार ने आदिवासी हितों की रक्षा नहीं की- अरविंद नेताम
नईदुनिया से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पेशा कानून, जमीन से जुड़े मामले, आरक्षण कानून, अबूझमाड़ में आंदोलन, हसदेव प्रकरण आदि ऐसे मामले हैं, जिसमें कांग्रेस सरकार ने आदिवासी हितों की रक्षा नहीं की। इस्तीफे के बाद वे किसी पार्टी में नहीं जाएंगे, बल्कि सर्व आदिवासी समाज में ही समाजहित के लिए काम करते रहेंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (CG Election 2023) में समाज की ओर जो जिम्मेदारी मिलेगी वह स्वीकार करेंगे। नेताम ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने लगातार उनकी उपेक्षा की है। बीते चार वर्षों से किसी कार्यक्रम में पूछा नहीं गया।
कांग्रेस के आदिवासी विरोधी होने का एक और ठोस प्रमाण- भाजपा
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि अरविंद नेताम का कांग्रेस से इस्तीफा कांग्रेस के आदिवासी विरोधी होने का एक और ठोस प्रमाण है। कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ हर स्तर पर छलकपट किया है, उन्हें उपेक्षित और प्रताड़ित कर सतत् यह षड्यंत्र किया है। इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से मोहन मरकाम को विदाई दी और मंत्रिमंडल से डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम को बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद से फूलोदेवी नेताम को बेदखल करके घोर आदिवासी विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है।
अनुशासनहीनता के लिए मिल चुका है नोटिस
अरविंद नेताम को अनुशासनहीनता के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से नोटिस भी मिल चुका है। उन पर आरोप लगा था कि वे भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी के समर्थन में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार में सहयोगी रहे। 9 फरवरी को जारी नोटिस के जवाब में अरविंद नेताम ने लिखा था कि सर्व आदिवासी समाज 20 वर्ष पुराना सामाजिक संगठन है। यह मेरे द्वारा बनाया गया संगठन नहीं है। मैंने चुनाव में समाज के प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं किया था।