
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ भले ही कमजोर पड़ गया हो, लेकिन इसके अवशेषों से दक्षिण छत्तीसगढ़ के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, तूफान के अवशेषों से प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जिसका असर अब उत्तर छत्तीसगढ़ तक फैलने लगा है। इसी कारण 31 अक्टूबर को कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग का कहना है कि यह दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों में पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तर छत्तीसगढ़ की ओर आगे बढ़ते हुए कमजोर पड़ जाएगा। इसके साथ ही, 31 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। प्रदेश में बुधवार को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में और न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस पेंड्रारोड में दर्ज किया गया।
दक्षिण के जिलों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, चक्रवाती प्रणाली का असर धीरे-धीरे कमजोर होगा, लेकिन अभी भी कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, एक-दो स्थानों पर मेघ गर्जन और बिजली गिरने की आशंका भी बनी हुई है।
बारिश के आंकड़े (सेमी में)
31 अक्टूबर को आसमान आंशिक रूप से बादलयुक्त रहेगा और हल्की बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान लगभग 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर ही यात्रा करने की सलाह दी है।