नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: प्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, वहीं कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश के भी आसार हैं। बीते 24 घंटों के भीतर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और बस्तर संभाग के कई इलाकों में जमकर बारिश दर्ज की गई है।
राजधानी में मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 2.6 डिग्री अधिक 33 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में दिन भर उमस रही और शाम होते-होते तेज़ बारिश ने राहत दी।
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून ट्रफ रेखा श्रीगंगानगर, रोहतक, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, जमशेदपुर होते हुए कोंटाई से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक विस्तारित है। इसके अतिरिक्त दक्षिण छत्तीसगढ़ व झारखंड क्षेत्र में ऊपरी हवा में चक्रवातीय घेरा सक्रिय है, जो भारी वर्षा का कारण बन सकता है।
मंगलवार की बारिश ने शहर के कई इलाकों की भी पोल खोल दी। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के सामने, कुशालपुर शीतला कालोनी, प्रोफेसर कालोनी, समेरू मठ और काशीनगर जैसे क्षेत्रों में नालों का पानी सड़कों से होते हुए घरों तक जा पहुंचा। काशीनगर के कई घरों में नाले का पानी घुसने से लोगों का घरेलू सामान भीग गया। शहर के रहवासी यह सवाल उठा रहे हैं कि हर साल मानसून से पहले नालियों की सफाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
कई जगहों पर नालों की सफाई हुई ही नहीं और जहां हुई भी, वहां केवल औपचारिकता निभाई गई। कटोरा तालाब क्षेत्र के लोग अब प्रशासनिक लापरवाही से बेहद नाराज हैं। जन प्रतिनिधियों से लेकर नगर निगम तक सभी को इस समस्या से अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
तेज बारिश के बाद पं. भगवतीचरण शुक्ल वार्ड में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दरअसल, वार्ड के रतन पैलेस के पीछे स्थित राजेंद्र नगर नाले के ओवरफ्लो होने से क्षेत्र में अक्सर पानी भर जाता है। एमआइसी सदस्य अमर गिदवानी मौके पर पहुंचे और सफाई कर्मियों को बुलाकर सफाई कराई। तब जाकर लोगों को राहत मिली।
कटोरा तालाब क्षेत्र स्थित गली नंबर-सात के रहवासी इन दिनों नरकीय हालात में जीवन जीने को मजबूर हैं। गली में वर्षों से अधूरी पड़ी सड़क और अवरुद्ध नाली व्यवस्था के कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता है। रह वासियों का आरोप है कि अवैध निर्माण के चलते नाली की निकासी पूरी तरह बाधित हो चुकी है, जिससे सीवर का पानी अब सड़कों पर बहकर घरों तक पहुंच रहा है।
मंगलवार को हुई हल्की बारिश ने स्थिति को और बदतर हो गई। पूरे क्षेत्र में गंदगी और बदबू फैल गई, जिससे बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। गली में बहते गंदे पानी में इंसानी मल-मूत्र तैरते देखे गए, जिससे लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। रहवासियों ने हालात की गंभीरता को देखते हुए सीधे राज्यपाल से शिकायत की है और जल्द से जल्द समाधान की मांग की है।
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गली के निवासी बताते हैं कि पिछले 15 वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। नगर निगम से कई बार शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। समस्या केवल गली नंबर-सात तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के जल निकासी का रास्ता अवरुद्ध हो चुका है। नालियों की सफाई न होने से उनका पानी सीधे सड़कों पर बह रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इस गंदगी के बीच संक्रमण के खतरे से घिरे हैं।
कटोरा तालाब की गली नंबर-7 का निरीक्षण किया गया है। वहां पर नाली का निर्माण कराया जाएगा। वहीं नाली निर्माण कर सड़क के दूसरी ओर पानी गिराने से समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। लोगों की समस्याओं को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।
- अरुण ध्रुव, आयुक्त जोन-4, नगर निगम, रायपुर