रायपुर (नईदुनिया, राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Assembly News: भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को सदन में मतांतरण (धर्म परिवर्तन, धर्मांतरण) रोकने के लिए छत्तीसगढ़ विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पेश करने की कोशिश की। यह विधेयक उन्होंने अशासकीय विधि विषयक कार्य के तहत पेश कर रहे थे, लेकिन इसे चर्चा के लिए भी स्वीकार नहीं किया गया। ऐसे में इसे पेश करने सदन में मतदान करना पड़ा। विधेयक के पक्ष में 13 और विरोध में 54 वोट पड़े। इसकी वजह से अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने इसे पेश करने की अनुमति नहीं दी। इससे पहले बृजमोहन ने अशासकीय विधेयक पेश करते हुए इस पर सदन में चर्चा की मांग की, लेकिन आसंदी ने स्वीकार नहीं किया।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आसंदी बात नहीं सुनेगी तो मुझे धरने पर बैठना होगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी सदन में अशासकीय विधेयक सदन में लाया जा चुका है। बृजमोहन ने कहा कि नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनके साथ शादी की जाती है और शादी के बाद में धर्म परिवर्तन कराया जाता है। बाद मैं उन्हें तलाक दिया जाता है, छोड़ दिया जाता है। इससे उनके बच्चों और पूरा परिवार प्रताड़ित होता है। इसकी वजह से पूरी डेमोग्राफी बदलती है। और एक समाज से दूसरे समाज में झगड़े पैदा होते हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है।
बृजमोहन ने कहा कि इसलिए मैं चाहता हूं कि यह जो विधेयक है उस पर चर्चा हो। उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे पं. रविशंकर शुक्ल द्वारा गठित नियोगी आयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि आयोग ने कहा था शादी कराकर धर्म परिवर्तन न कराया जाए। इस प्रकार की चीजों को कानून बनाकर रोका जाना चाहिए। इस विधेयक का उद्देश्य यही है। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी विधेयक पेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया, लेकिन अनुमति नहीं मिली।