
रायपुर। अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर निकले छत्तीसगढ़ के बस्तर बैंड ने नाइजीरिया की राजधानी अबुजा स्थित भारतीय उच्च आयोग में अपनी प्रस्तुति देकर वहां के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय उच्च आयोग नाइजीरिया के आमंत्रण पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से सांस्कृतिक आदान प्रदान यात्रा के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में बस्तर बैंड के संस्थापक पद्मश्री अनूप रंजन पाण्डेय के संयोजन और निर्देशन में बस्तर के कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
इस दल में लक्ष्मी सोड़ी, श्रीनाथ नाग, रंगबती बघेल, बुधराम सोड़ी, सोमारू नाग, आसमति सलाम, नवेल कोर्राम, पनकू सोढ़ी, सीमा सलाम, लूदो सोड़ी, विक्रम यादव, आयता नाग शामिल रहे। प्रस्तुति में बस्तर बैण्ड के कलाकारों ने जहां बस्तर की पारम्परिक संगीत की बानगी बिखेरी वहीं बस्तर के 60 से अधिक पारम्परिक दुर्लभ जनजातीय वाद्यों की संगत-संगति में जुगलबन्दी से भरपूर सराहना अर्जित की।
एक ही मंच पर एक साथ बस्तर के समूचे वाद्यों की जीवंत उपस्थिति, भावभंगिमाओं, पदविन्यास ने अंचल व प्रदेश के समृद्ध सांगीतिक विरासत की प्रस्तुति ने अन्तराष्ट्रीय प्रेक्षक समुदाय को अत्यधिक प्रभावित किया।
प्रस्तुति के बाद बस्तर बैण्ड के कलाकारों को नाइजीरिया के नेशनल काउंसिल फॉर आर्ट्स एन्ड कल्चर के महानिदेशक ओतुनबा ओलउसेगुन रुंसेवे ऑब्नॉर और अरब अफ्रीकन इकोनॉमिक्स डेवलपमेंट इनिशिएटिह्व की संस्थापक महारानी जैनब द्वारा नाइजीरिया के काष्ठ हस्तशिप मूर्ति प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर बस्तर बैण्ड के कलाकारों द्वारा नाइजीरिया में भारतीय उच्च आयोग के आयुक्त अभय ठाकुर को बस्तर के बेल मेटल से निर्मित शिल्प तोड़ी वाद्य और कोसा सिल्क के शॉल द्वारा सम्मानित किया गया।