रायपुर (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में कुपोषण से पिछले तीन सालों में 25 हजार बच्चों की मौत हुई है। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में यह आंकड़े पेश किया है। इन आंकड़ों के आधार पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि जब से कांग्रेस सरकार आई है, सरकारी योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच रही हैं।

हर घंटे एक बच्चे की मौत

आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में रोजाना करीब 23 और हर घंटे लगभग एक बच्चे की मौत हो रही है। यह स्थिति तब है जब कुपोषण को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार और अन्य मद से करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। भाजपा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1500 करोड़, डीएमएस और सीएसआर मद से 400 करोड़ रुपये कुपोषण के लिए जारी हुए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में भी करोड़ों रुपये खर्च किए। राज्य में कुपोषण दर में मार्च 2021 से जुलाई 2021 के बीच चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रसव के दौरान करीब 900 महिलाओं ने दम तोड़ा है।

जुलाई में 19.86 बढ़ा कुपोषण

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि मार्च 2020 में कुपोषण दर 18.22 प्रतिशत थी। मार्च 2021 में यह 15.15 प्रतिशत पहुंची, लेकिन जुलाई 2021 में बढ़कर 19.86 प्रतिशत हो गई। जुलाई 2021 की स्थिति से कुपोषण दर में चार प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। प्रदेश में 47 प्रतिशत के स्थान पर 61 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक हैं।

कौशिक ने कहा कि कुपोषण के नाम पर कांग्रेस केवल कमीशनखोरी में व्यस्त है। कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में प्रदेश सरकार की चिंता शून्य है। लगभग सात हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पद खाली हैं। इनकी भर्ती कुपोषण के खिलाफ जारी अभियान के लिए जरूरी है, लेकिन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में यह सब नहीं है।

Posted By: Sanjay Srivastava

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