CG Electricity Bill: उपभोक्ताओं को बिजली का झटका, अब 400 यूनिट पर देना होगा 50 रुपये अधिक
CG Electricity Bill: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। उपभोक्ताओं को 300 से 400 यूनिट की खपत पर 50 रूपये तक अधिक देना पड़ेगा, वहीं 500 से 600 युनिट पर पर 70 रूपये तक ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा।
Publish Date: Sat, 12 Jul 2025 07:58:09 AM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Jul 2025 08:09:52 AM (IST)
बिजली बिल में 1.89 प्रतिशत की वृद्धिHighLights
- निम्न दाब उपभोक्ता: 7.02 रुपये प्रति यूनिट
- उच्च दाब उपभोक्ता: 6.32 रुपये प्रति यूनिट
- पिछले साल की तुलना में 1.89% की वृद्धि
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आम उपभोक्ताओं को बिजली का झटका दे दिया है। अगर आप 300 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो अगस्त के बिल में 40 व 50 रुपये अधिक बिल जुड़ जाएगा।
इसी तरह से 500 से 600 यूनिट तक खपत होने पर 60 व 70 रुपये अतिरिक्त देना पड़ेगा। आयोग ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई दरों को स्वीकृति दे दी है। यह एक जुलाई 2025 से प्रभावशील होंगी।
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विद्युत वितरण कंपनी के अनुसार एक यूनिट बिजली की उत्पादन लागत जहां 7.20 रुपये है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को यह न्यूनतम 4.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से दी जा रही है। कंपनी के एमडी भीमसिंह कंवर और नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों को संतुलित, विकासोन्मुखी और प्राथमिकता श्रेणियों के हित में बताया है।
इससे सरकार पर सब्सिडी का भार जरूर बढ़ेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को अपेक्षित राहत मिलती रहेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में हाफ यानि 50 प्रतिशत की छूट दे रही है।
घटते राजस्व का दिया हवाला
- बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने को लेकर विद्युत नियामक आयोग ने बताया कि पिछले कुछ साल में राज्य की विद्युत कंपनियों का राजस्व घाटा है।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत वितरण कंपनी की ओर से मांग की गई वार्षिक राजस्व जरूरत 28 हजार 397.64 करोड़ रुपये के स्थान पर 25 हजार 636.38 करोड़ रुपये मान्य किया है।
- बिजली वितरण कंपनी की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित विद्युत विक्रय 35 हजार 727 मिलियन यूनिट के स्थान पर 36 हजार 540 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है।
- कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4947.41 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 523.43 करोड़ रुपए मान्य किया है।
मुरमुरा-पोहा उद्योग को बढ़ी छूट
- इन उद्योगों को पहले दी जा रही पांच प्रतिशत की छूट बढ़ाकर अब 10 प्रतिशत कर दी गई है।
- अग्रिम भुगतान पर छूट 0.50 से बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत की गई है।
- प्रिंटिंग प्रेस, आफसेट प्रिंटर्स को गैर घरेलू श्रेणी से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में लाया गया है, जिससे लागत घटेगी।
- कृषि पंपों की दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, लेकिन इस अतिरिक्त लागत का वहन राज्य सरकार करेगी।
विशेष क्षेत्रों को रियायतें
- आदिवासी क्षेत्र व गौशाला: स्टे-होम और गौशालाओं को घरेलू श्रेणी में शामिल किया गया है।
- माओवाद प्रभावित जिले: इन क्षेत्रों में मोबाइल टावरों के ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है।
- महिला समूह: महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योगों को 10 प्रतिशत की ऊर्जा छूट जारी रहेगी।
- अस्पताल व नर्सिंग होम: ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के अस्पतालों को पांच प्रतिशत छूट जारी रहेगी।
- ई-वाहन को बढ़ावा: ई-वाहन चार्जिंग इकाइयों के लिए टैरिफ औसत लागत के बराबर रखा गया है।
भाजपा सरकार में पहली बार बढ़े दाम
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब बिजली की दरों में बढ़ोतरी हुई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के दौरान ऐसा दो बार हुआ, जब बिजली की कीमत साल 2022-23 में 2.50 प्रतिशत और साल 2024-25 में 4.88 प्रतिशत का इजाफा किया गया था। इस तरह से कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 7.38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।