
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। प्रदेश में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 हजार से अधिक राशन कार्ड रद कर दिए हैं। जांच में सामने आया कि कई कार्ड धारियों के बैंक खातों में लाखों रुपये के संदिग्ध लेनदेन हो रहे थे। इन खातों का उपयोग ठगी और सट्टे के पैसों के लेनदेन के लिए किया जा रहा था। रायपुर में 2,102, बिलासपुर में 856, दुर्ग में 2,310, सरगुजा में 309, बस्तर में 196 बैंक खातों में लाखों रुपये के संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं।
प्रदेश भर में इसकी कुल संख्या 9,422 बताई जा रही है। इन बैंक खातों में वार्षिक छह लाख से अधिक का लेनदेन हुआ है। इनमें से अधिकांश मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। विभागीय जांच में यह भी पाया गया कि कई लाभार्थियों की ई-केवाइसी और बैंक विवरण उनकी वास्तविक आय से मेल नहीं खा रहे थे। ऐसे खाता धारियों की आय गरीबी रेखा के मानक से अधिक पाई गई। इसी आधार पर इन सभी का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है।
प्रदेश में 62 हजार 813 आयकर दाताओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गरीबी रेखा राशन कार्ड बनवाकर तीन साल से हर माह चावल भी उठाया है। राजधानी में इनकी संख्या 10,361 है। अब सभी को खाद्य विभाग नोटिस जारी कर रहा है। वन नेशन वन कार्ड के तहत कराए गए ई-केवाईसी और आधार से लिंक बैंक खाते व पैन कार्ड के सत्यापन से यह पता चला है।
रिपोर्ट में 1,05,590 निष्क्रिय आधार कार्ड धारकों के नाम पर राशन कार्ड बनने का पता चला है। बिलासपुर (5,841), कवर्धा (8,701), जशपुर (5,681), रायपुर (9,356) जैसे जिलों में हजारों निष्क्रिय पहचान से राशन उठाया जा रहा था। इनके नाम भी राशन कार्ड से काट दिए गए हैं। खाद्य संचालनालय ने संबंधित जिलों को निर्देश दिए हैं कि इन राशन कार्डों की फिजिकल वेरिफिकेशन कर फर्जी सदस्यों को नोटिस जारी करें। कलेक्टरों को विशेष टीम गठित करने को भी कहा गया है। जिन राशन दुकानों या अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके विरुद्ध विभागीय जांच की तैयारी की जा रही है।
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जिला - संदिग्ध लेनदेन - आयकर दाता
रायपुर - 2,102 - 10,361
बिलासपुर - 856 - 6,074
दुर्ग - 2,310 - 6,339
सरगुजा - 309 - 2,586
बस्तर - 196 - 1,185
कुल - 9,422 - 62,813
खाद्य विभाग नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने कहा कि छह लाख से अधिक के लेनदेन वाले सभी राशन कार्ड धारियों जिनकी पात्रता जांच में गड़बड़ी पाई गई, उनके नाम भी सूची से हटाए गए हैं।