छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा ऐप की जांच सीबीआई को सौंपी, 70 केस दर्ज, नोटिफिकेशन जारी
महादेव सट्टा ऐप मामले को लेकर छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर है। अब इस मामले की जांच आधिकारिक रूप से सीबीआई को सौंप दी गई है। महादेव ऐप का संचालन करने वाले अधिकतर युवा 18 से 30 वर्ष उम्र के हैं। रायपुर और दुर्ग के 700 से अधिक युवा दुबई में तीन-तीन महीने की ट्रेनिंग ले चुके हैं।
Publish Date: Mon, 26 Aug 2024 12:45:15 PM (IST)
Updated Date: Mon, 26 Aug 2024 01:34:20 PM (IST)
अब सीबीआई करेगी महादेव सट्टा ऐप केस की जांच। - प्रतीकात्मक फोटोHighLights
- पुलिस ने मार्च 2021 में जुआ एक्ट के तहत पहली कार्रवाई की।
- एक हजार से ज्यादा सटोरियों, आईडी चलाने वाले पकड़े गए।
- रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा ऐप का मामला सीबीआई को सौंपा है। महादेव सट्टा ऐप को लेकर कुल 70 केसेज दर्ज हैं। इन सारे प्रकरणों को सीबीआई को सौंपा गया है। इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी है।
सीबीआई को यह तीसरा मामला
राज्य में पांच साल बाद सीबीआई की एंट्री छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सीजीपीएससी 2021 की भर्ती की जांच से हुई है। इसके अलावा बिरनपुर हिंसा मामले में भी सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। महादेव एप घोटाले की यह तीसरी सीबीआइ जांच होगी।
क्या है ऑनलाइन महादेव सट्टा एप
विशेषज्ञों के मुताबिक ऑनलाइन महादेव सट्टा एप सट्टेबाजों के लिए ऑनलाइन दांव लगाने का प्लेटफार्म देता है। इसमें आनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबाॅल आदि जैसे विभिन्न लाइव गेमों में अवैध सट्टेबाजी के लिए सुविधा मिलती है। कई कार्ड गेम जैसे तीन पत्ती, पोकर, ड्रैगन टाइगर, कार्ड का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम आदि, यहां तक ये कुछ अन्य एप का इस्तेमाल करके सट्टेबाज दांव लगाते हैं।
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कांग्रेस सरकार में शुरू हुई थी जांच
- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी।
- पहली बार दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इन्हीं प्रकरणों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था।
- रायपुर में जनवरी 2024 से अब तक 80 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेशभर में यह आंकड़ा करीब 600 है।
- इसी तरह छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में भी पुलिस ने एफआइआर दर्ज करके कार्रवाई की है। ईडी ने पहली गिरफ्तारी अगस्त 2023 में की थी।
- चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने इसे मनी लांड्रिंग से जोड़ा था। अक्टूबर 2023 में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों से पूछताछ करनी शुरू कर दी थी।
- इनमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से पूछताछ हुई थी।
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चुनाव के पहले पूर्व सीएम का उछला नाम, फिर एफआईआर
- ईडी ने नवंबर 2023 में एक कथित कैश कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। दास और एक अन्य आरोपी कांस्टेबल भीम सिंह यादव भी गिरफ्तार हुआ था।
- उनके पास से करोड़ों की नगद राशि भी बरामद हुई थी। इसमें बताया गया था कि यह पैसा दुबई से रायपुर लाया जा रहा रहा था।
- एक प्रमोटर ने वीडियो प्रसारित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल पर लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप भी लगाया था।
- नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
- इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था।
- साय सरकार में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भूपेश को नामजद आरोपित बनाया है।