CG Liquor scam: ईओडब्ल्यू ने कहा, वसूली तंत्र का संरक्षक था पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य बघेल
CG Liquor scam: शराब घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को विशेष न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र च ...और पढ़ें
Publish Date: Tue, 23 Dec 2025 12:54:28 PM (IST)Updated Date: Tue, 23 Dec 2025 12:54:28 PM (IST)
चैतन्य बघेल और लाल बस्ते में बंधा अभियोग पत्र।HighLights
- चैतन्य बघेल के खिलाफ 3,800 पन्नों का अभियोग पत्र प्रस्तुत
- अब तक आठ अभियोग पत्र न्यायालय में दाखिल हो चुके हैं
- आबकारी घोटाले की कुल राशि करीब 3,074 करोड़ आंकी गई
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। शराब घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सोमवार को विशेष न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के खिलाफ लगभग 3,800 पन्नों का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा द्वारा इस मामले में अब तक कुल आठ अभियोग पत्र न्यायालय में दाखिल किए जा चुके हैं। ईओडब्ल्यू की जांच में यह दावा किया गया है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले से 200 से 250 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
क्या कहना है ईओडब्ल्यू का
ईओडब्ल्यू के अनुसार, उनके उच्चस्तरीय संरक्षण और प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण यह अवैध कारोबार लंबे समय तक संचालित होता रहा। ईओडब्ल्यू के मुताबिक, वर्तमान में आबकारी घोटाले की कुल राशि लगभग 3,074 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि आगे की जांच में यह राशि 3,500 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है।
विवेचना निरंतर जारी है
ईओडब्ल्यू की ओर से न्यायालय में पेश किए गए अभियोग पत्र में गिरफ्तार सभी आरोपितों से जुड़ी जांच की स्थिति और उनके खिलाफ एकत्रित डिजिटल साक्ष्यों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सौंपी गई है। न्यायालय में ईओडब्ल्यू की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि विवेचना निरंतर जारी है।
रकम को अपने पारिवारिक फर्मों में निवेश किया
जांच में यह सामने आया है कि चैतन्य बघेल ने आबकारी विभाग में अवैध वसूली तंत्र स्थापित करने, उसके संचालन और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोप है कि उन्होंने रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया, आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और निरंजन दास और होटल कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह व विकास अग्रवाल के बीच समन्वय स्थापित किया और घोटाले की रकम को अपने पारिवारिक फर्मों में निवेश किया। चैतन्य ने घोटाले की रकम को अपने पारिवारिक फर्मों में निवेश किया।