रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की नई औद्योगिक नीति के तहत औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के 146 विकासखंडों को औद्योगिक विकास एवं पिछड़ेपन की दृष्टि से क्रमश अ, ब, स और द श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। अ श्रेणी में 15, ब में 25, स में 40 और द में सर्वाधिक 66 विकानखंडों को रखा गया है।
नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत विकासखंडों को श्रेणियों में विभक्त किया गया है, जिसमें श्रेणी अ के 15 विकासखंड विकसित क्षेत्र में शामिल किए गए हैं। इसमें बिलासपुर का बिल्हा, कोरबा का कोरबा और पाली, रायगढ़ का रायगढ़, खरसिया, दुर्ग का दुर्ग और धमधा, राजनांदगांव का राजनांदगांव, रायपुर का रायपुर और तिल्दा, जांजगीर-चांपा का अकलतरा और बम्हनीडीह (चांपा) और बलौदाबाजार-भाटापारा का भाटापारा, सिमगा और बलौदाबाजार विकासखंड का नाम शामिल है।
श्रेणी-ब के 25 विकासखंड विकासशील क्षेत्र में लिए गए हैं। इनमें कोरबा का कटघोरा, करतला, पोडी-उपरोडा, मुंगेली का पथरिया, मुंगेली और रायगढ़ का घरघोडा, तमनार, पुसौर, दुर्ग का पाटन, कवर्धा का कवर्धा, पंडरिया, राजनांदगांव का डोंगरगढ़, डोंगरगांव, खैरागढ़, बलौदाबाजार-भाटापारा का पलारी, धमतरी का धमतरी, कुरूद, मगरलोड़, महासमुन्द का महासमुंद, सराईपाली, बागबाहरा, रायपुर का अभनपुर, आरंग, बिलासपुर का तखतपुर, मस्तूरी विकासखंड का नाम शामिल है।
श्रेणी-स के 40 विकासखंड पिछड़े क्षेत्र में लिए गए हैं। इनमें मुंगेली के लोरमी, बालोद का गुंडरदेही, गुरूर, बालोद, डौंडीलोहारा, डौंडी, बेमेतरा का बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, कवर्धा का बोड़ला, सहसपुर-लोहारा, बलौदाबाजार-भाटापारा का बिलाईगढ़, कसडोल, धमतरी के नगरी, गरियाबंद का छूरा, गरियाबंद, फिंगेश्वर, महासमुंद का बसना, पिथौरा, कांकेर का कांकेर, चारामा, बिलासपुर का कोटा, पेंड्रारोड़ (गौरेला-1), पेंड्रा (गौरेला-2), जांजगीर-चांपा का बलौदा, नवागढ़, सक्ती, जैजैपुर, मालखरौदा, डभरा, पामगढ़, रायगढ़ का धरमजयगढ़, लैलूंगा, सारंगढ़, बरमकेला, राजनांदगांव का छुईखदान, बस्तर का जगदलपुर, सरगुजा का अंबिकापुर, सूरजपुर का विकासखंड सूरजपुर शामिल है। बाकी 66 विकासखंडों को द श्रेणी में रखा गया है। इनमें ज्यादातर बस्तर और सरगुजा संभाग के विकासखंड हैं।