Chhattisgarh News: राजभवन को जनभवन का स्वरूप दिया : राज्यपाल उइके
Chhattisgarh News: नई दिल्ली में राज्यपालों व उपराज्यपालों के सम्मेलन में बोलीं राज्यपाल।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Fri, 12 Nov 2021 03:05:00 PM (IST)
Updated Date: Fri, 12 Nov 2021 03:05:45 PM (IST)

Chhattisgarh News: रायपुर (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राज्य में पेसा एक्ट के अंतर्गत नियमों को लागू करने और मेसा एक्ट को संसद में पारित करने की आवश्यकता बताई। गुरुवार को नई दिल्ली में राज्यपालों और उपराज्यपालों के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्यपाल का दायित्व ग्रहण करने के बाद राजभवन के दरवाजे जो भी जरूरतमंद आया उनके समस्याओं को सुना और राजभवन की विशिष्ट अवधारणाओं को समाप्त करते हुए इसे जनभवन का स्वरूप दिया।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना से बचाव व टीकाकरण के लिए प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों से 28 वेबिनार के माध्यम से चर्चा कर उन्हें जागरूक किया और अर्धसैनिक बलों से सहयोग की अपील की। साथ ही स्वेच्छानुदान मद से जरूरतमंदों को आठ लाख 80 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की। उस समय जो प्रवासी मजदूर और विद्यार्थी दूसरी जगह फंसे हुए थे, उन्हें उनके घर वापसी में मदद की।
साथ ही इस दौरान 10 हजार से अधिक लोगों से मुलाकात की। उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 12 जातियां जो कि अनुसूचित जनजाति हैं, जिनमें मात्रात्मक त्रुटि होने की वजह से पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाणपत्र मिलने में कठिनाई हो रही है। इस संबंध में राज्य से प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
एक और नए जिले के गठन की अधिसूचना जारी
विवाद के बीच राज्य सरकार ने मनेंद्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर जिला के गठन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही नए जिले को लेकर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बताते चले कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार नए जिलों के गठन की घोषणा की थी। इनमें से तीन के लिए अधिसूचना पहले जारी की जा चुकी है। लेकिन मनेंद्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर को लेकर विवाद और विरोध की वजह से मामला अटक गया था। इस मामले में कोरिया की मौजूदा कांग्रेस की विधायक अंबिका सिंहदेव और पूर्व विधायक भाजपा के भैयालाल रजवाड़े ने एक साथ मुख्यमंत्री से मुलाकता कर विरोध दर्ज कराया था।