Chhattisgarh News : राकेश शर्मा, नुआपड़ा(नईदुनिया)। ओडिशा के नुआपड़ा जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया है। गोरखपुर(यूपी)से जिले के खरियार रोड पहुची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला बसना विकासखण्ड अंतर्गत गढ़फूलझर ग्रामपंचायत के एक दम्पति के दो दिन के नवजात शिशु की दम घुटने से मौत हो गई है।
24 घंटे में लगभग एक हज़ार किलोमीटर का सफर तय कर जब ये दम्पति 16 जून मंगलवार को ओडिशा पहुंचा तो मामले का खुलासा हुआ। एक मां के लिए इससे बड़ा हृदय विदारक औऱ क्या हो सकता है। एक मां की अपने कलेजे के टुकड़े के शव के साथ सफर करने की पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। बताया जा रहा है कि शव को बैग में डालकर ट्रेन से लाया गया । दुधमुंहे का शव गलने भी लगा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से गढ़फूलझर बसना निवासी तुलाराम पाढ़े(23) की पत्नी चतुरबाई(20)ने 14 जून की रात्रि तीन बजे गोरखपुर स्थित एक अस्पताल में एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया था। लॉकडाउन के चलते अगले दिन 15 जून की शाम छह बजे तुलाराम व चतुरबाई अपने एक दिन के नवजात शिशु को लेकर गोरखपुर से निकली एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने गृहग्राम के लिए रवाना हो गए थे। यह दम्पति छत्तीसगढ़ के महासमुंद में नही उतर कर ओडिशा के खरियार रोड में उतरा।
तब जांच के दौरान नवजात के मृत होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन व पुलिस को हुई। आनन फानन में शिशु को नुआपड़ा जिला अस्पताल लाया गया, जहां रात्रि नौ बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दम्पति के हवाले से जोंक पुलिस ने बताया कि 14 जून को गोरखपुर के एक अस्पताल में बच्चे के जन्म के बाद 15 जून की शाम जब बच्चे को लेकर दम्पति रवाना हुआ तो रात्रि 11 बजे के आसपास ही मां को आभास हुआ कि उसका बच्चा कोई हरकत नही कर रहा है।
अगले दिन 16 जून को खरियार रोड पहुंचने पर घटना की जानकारी हुई एवम 17 जून को यह मामला सामने आया। जोंक पुलिस ने केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई किया व शव परिजनों को सौंप दिया। बहरहाल इस पूरे मामले में मृत शिशु के माता पिता ने मीडिया के सामने कोई बयान नही दिया है। समाचार लिखे जाने तक उनसे फ़ोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उन्होंने फ़ोन नही उठाया। सूचना के अनुसार गढ़फूलझर में मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है।
इनका कहना है
इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप उन्हें उनके गृहग्राम रवाना कर दिया गया है।
- भारती नायक, सब इंस्पेक्टर, जोंक थाना (खरियार रोड)
नवजात की मौत की वजह दम घुटना बताई जा रही है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के वास्तविक कारण का पता चलेगा। सूचना के अनुसार मृत शिशु को बैग में भरकर लाया गया था । जिससे उसकी बॉडी गलने लगी थी।
- डॉ. काली प्रसाद बेहेरा, सीडीएमो, नुआपड़ा(ओडिशा)
प्रेम विवाह कर फरार था दम्पति
गढ़फुलझर के ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दो वर्ष पूर्व तुलाराम का समीप ग्राम अकोरी की चतुरबाई के साथ प्रेम प्रसंग हुआ और दोनों भाग गए थे जिसके बाद ये अनेक राज्यों में रोजी रोटी की तलाश में रहे । ग्रामीणों ने बताया कि दो वर्षों से ये दम्पति घर नही लौटा है। कभी कभार परिजनों से फ़ोन पर बातचीत होती थी। परिजनों को चतुरबाई के गर्भवती होने की सूचना थी किन्तु बच्चे के जन्म होने , उसकी मृत्यु होने व गोरखपुर से निकलने की सूचना बुधवार दोपहर दो बजे तक नहीं मिली थी। नईदुनिया से खबर मिलने पर वे आश्चर्यचकित हो गए।
संदेह के घेरे में नवजात की मृत्यु
दो दिन के नवजात की मृत्यु संदेह के घेरे में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रसव के बाद कम से कम 48 घंटे तक जच्चा बच्चा को अस्पताल में रखा जाना चाहिए था। गोरखपुर अस्पताल से ये आठ-10 घंटो में ही निकल गए जो कि कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। यदि ट्रेन में बच्चे की मृत्यु हो गई थी तो इस तरह बैग में शव को लाया गया। इसकी सूचना ट्रेन में किसी को क्यों नहीं दी गई। बताना उचित होगा कि सभी प्रवासी मजदूरों के आगमन की पूरी जानकारी का रिकॉर्ड एनएसी में रखा जाना चाहिए । किन्तु इस दम्पति को नेशनल कॉलेज टीएमसी में रखा गया था जिसका कोई रिकॉर्ड नही है। इस बात की पुष्टि टीएमसी सेन्टर के नोडल अधिकारी अमित रावल ने की है। अमित का कहना है कि उन्हें इस घटना की भी जानकारी नहीं है।