रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में गहराए सियासी संकट के बीच मंगलवार का दिन हर घंटे बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में याद रखा जाएगा। लंबे समय से शांत चल रहे सियासी माहौल में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों ने भूचाल ला दिया है। बृहस्पत विवाद का रास्ता तलाशने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक दिन में तीन बार मंत्रियों के साथ बैठक की। पहली बैठक मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन की कार्यवाही छोड़कर जाने के बाद हुई। दूसरी बैठक में सिंहदेव खुद शामिल हुए, लेकिन देर शाम मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में सिंहदेव नहीं पहुंचे।
कांग्रेस के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें, तो सिंहदेव के नहीं पहुंचने के बाद यह साफ हो गया कि वह किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने देर रात बृहस्पत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। मुख्यमंत्री निवास पर देर शाम शुरू हुई बैठक में चुनिंदा मंत्री पहुंचे थे। सूत्रों की मानें तो विधानसभा से लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी नेतृत्व को घटनाक्रम की जानकारी दी है। वहां से इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा गया।
उसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने रणनीतिकारों से चर्चा के बाद मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है। इसमें मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, जयसिंह अग्रवाल, कवासी लखमा, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और अनिला भेंडिया शामिल हुए। वहीं, भारी गहमागहमी के बीच पूरे दिन का तनाव दूर करने मंत्री सिंहदेव राजकुमार कॉलेज पहुंचे और देर शाम तक बैडमिंटन खेलते नजर आए।
सीएम हाउस में मंत्रियों के विवाद को सुलझाने के लिए अलग-अलग सुझाव दिया। विधानसभा में मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में उम्मीद जताई कि जल्द मामले को सुलझा लिया जाएगा। वहीं, कवासी लखमा अपने अंदाज में नो कमेंट कहते हुए आगे निकल गए।
किसके कहने पर बृहस्पत के साथ गए कांग्रेस विधायक: भाजपा
भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने एक बयान जारी करके कहा कि बृहस्पत सिंह को कारण बताओ नोटिस तो जारी कर दिया गया है, लेकिन उनके साथ जो 18 विधायक शामिल थे, उनसे भी जवाब मांगा जाना चाहिए। कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि बृहस्पत के साथ जो सरगुजा, बस्तर से लेकर रायपुर के विधायक शामिल थे, वे किसके कहने पर गए थे। लगता है शिकारी अपने ही बुने जाल में बुरी तरह फंस गया है।
वहीं, पूर्व विधायक देवजी पटेल ने ट्वीट करके सिंहदेव को भाजपा में आने का न्यौता दे दिया। पटेल ने कहा- सिंहदेव जी, आत्म स्वाभिमान से बढ़कर एक मनुष्य के लिए कुछ नहीं। राजपरिवार से आने वाले आप मुझसे बेहतर समझते हैं इसे। आपका हमारे मातृ संगठन भाजपा में स्वागत है। पद-कुर्सी की गारंटी तो नहीं, पर प्रतिष्ठा और आत्मस्वाभिमान से समझौता नहीं होता यहां।