रायपुर। साइंस कालेज और खेल मैदान के हिस्से में बनाई जा रही नाइट चौपाटी को लेकर रविवार को भाजपा और एनएसयूआइ के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। धरने के दौरान बड़ी संख्या में एनएसयूआइ कार्यकर्ता पहुंचे और बैनर-पोस्टर तख्तियां लेकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं से बातचीत में दोनों संगठनों के सदस्य उलझ गए। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल बुलाना पड़ा।
भाजपा का आरोप है कि तख्ती और अन्य सामग्री फेंककर कार्यकर्ताओं को चोट पहुंचाई गई। कई साथी चोटिल हुए। दूसरी ओर एनएसयूआइ का कहना है कि उन्होंने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया और चौपाटी को वैध बताया। इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अब गुंडागर्दी पर उतर आई है। साइंस कालेज चौपाटी का विरोध जारी रहेगा।
60 फीट से अधिक हिस्से में चौपाटी
पत्रकारवार्ता के बाद मूणत निर्माणाधीन चौपाटी के पास टेप लेकर पहुंच गए। कार्यकर्ताओं की मदद से सड़क से चौपाटी तक टेप लगाकर उन्होंने बताया कि 240 फीट के मास्टर प्लान रोड में एक तरफ 120 फीट की सड़क पर 60 फीट से ज्यादा हिस्से में चौपाटी बनाई जा रही है। मास्टर प्लान में उल्लेखित इस मार्ग के व्यवसायीकरण के लिए इस तरह यह निर्माण अवैध है।
यदि यहां युवाओं के पढ़ने के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी, अध्ययन केंद्र बनाया जाता तो हम विरोध नहीं करते, लेकिन सड़क के व्यवसायिक उपयोग का विरोध लगातार जारी रहेगा। एजुकेशन हब में यदि निर्माण का स्वरूप बदला जाए तो हम समर्थन करेंगे। धरना स्थल पर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा, निगम भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्यंजय दुबे, भाजपा नेता सुभाष तिवारी सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
पेड़ काटे गए, ग्रीन कारिडोर को नुकसान
चौपाटी निर्माण को अवैध बताते हुए मूणत ने कहा कि इस क्षेत्र में ग्रीन कारिडोर में किसी प्रकार से ठोस या अस्थायी निर्माण की योजना नहीं है। रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आर्किटेक्ट के जिस पत्र के आधार पर यह कहा जा रहा है कि चौपाटी का प्रस्ताव हमने दिया था, यह महज आरोप है। इसका कोई सबूत नहीं है।
15 वर्ष में हमने संवारा, कांग्रेस ने बिगाड़ा
मूणत ने कहा कि हमने 15 वर्ष तक रायपुर शहर को संवारा, लेकिन बीते चार वर्षों में कांग्रेस ने इसे उजाड़ने का काम किया है। नेताजी सुभाष स्टेडियम के पास अवैध चौपाटी किसके संरक्षण में बनी, सभी जानते हैं। शहर की चारों दिशाओं में सड़क और सरकारी जमीन पर चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है। तालाबों को पाटकर चौपटियां बनाई जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार तालाबों का रकबा कम नहीं किया जा सकता।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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