रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच फिर से तेज हो गई। मंतूराम पवार और डॉ.पुनीत गुप्ता को अपर सत्र न्यायाधीश लीना अग्रवाल ने नोटिस जारी कर 26 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होकर यह जबाव देने को कहा है कि आखिर एसआइटी को वाइस सैंपल क्यों नहीं देना चाहते? वहीं एसआइटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को नोटिस जारी कर 21 अगस्त को एसआइटी के सामने पेश होकर वाइस सैंपल देने के लिए कहा है। इसके बाद भी वे नहीं आते हैं तो वाइस सैंपल लेने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया जाएगा। इससे पहले भी वाइस सैंपल के लिए एसआइटी ने नोटिस जारी किया था, लेकिन सैंपल देने से जोगी ने इन्कार कर दिया था।
पुलिस के मुताबिक एसआइटी द्वारा मंतूराम पवार और डॉ.पुनीत गुप्ता द्वारा वाइस सैंपल नहीं देने पर कोर्ट में आवेदन देकर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि कोर्ट चाहे तो वाइस सैंपल का आदेश दे सकता है। गौरतलब है कि पूर्व महापौर किरणमयी नायक की शिकायत पर पंडरी थाने में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जेसीसी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
क्या है मामला
वर्ष 2014 में कांकेर जिले के अंतागढ़ के विधायक रहे विक्रम उसेंडी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया था। नाम वापसी के ऐन वक्त मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इस मामले को लेकर बाद में एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत सामने आई थी। कथित बातचीत में अंतागढ़ सीट के कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार को बैठाने के लिए लेन-देन की चर्चा की गई थी। राज्य में कांग्रेस सरकार निर्वाचित होने के बाद मामले की जांच एसआइटी कर रही है।