रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषी सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर से आए ज्योतिषी डॉ.सतपाल भारद्वाज का दावा है कि विविध ग्रंथों में उल्लेखित मंत्रों का जाप करने से कई तरह की बीमारियां ठीक हो सकती हैं। त्रेतायुग, सतयुग, द्वापरयुग में ऋषि मुनि मंत्रों का जाप करके कभी बीमार नहीं होते थे। उस समय के लोग भी संस्कृत भाषा में लिखी गई चरक संहिता के आयुर्वेदिक तत्व और साथ में मंत्रों का जाप करके उपचार करते थे। आधुनिक युग में डॉक्टर बीमारियां तो ठीक कर रहे हैं, लेकिन आम आदमी खर्च उठाने में सक्षम नहीं है। हमारे वैदिक मंत्र सनातन काल से कारगर रहे हैं और आगे भी रहेंगे। यदि मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो बीमारियां ठीक होंगी। डॉक्टर और अस्पताल का लाखों रुपए खर्च होने से बचाया जा सकेगा। इसके लिए बस वैदिक मंत्रों पर विश्वास होना जरूरी है।
कुंडली का 6वां, 8वां और 12वां भाव महत्वपूर्ण
मेडिकल एस्ट्रोलॉजी में पीएचडी डॉ.सतपाल भारद्वाज का कहना है कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली का छठवां भाव बताता है कि बीमारी ठीक हो सकती है। 8वां भाव बताता है कि बीमारी ठीक नहीं हो सकती। यदि कुंडली में 12वां भाव प्रभावशील हो तो बीमारी की वजह से हॉस्पीटल में भर्ती होना पड़ता है। नित्यप्रति दान-पुण्य करने वाले का पंचम भाव मजबूत होता है और मात्र दान करने से ही शरीर स्वस्थ होने लगता है। बीमारी घेरे तो सबसे पहले अपने इष्टदेव की पूजा करनी चाहिए।
मान्यता है कि ये करें तो फायदा
0 प्रतिदिन जो व्यक्ति दो अक्षर का मंत्र 'सो..हम' का जाप करता है, उसे बीमारियां नहीं घेरती।
0 महामृत्युंजय मंत्र के जाप से स्वस्थ रहेंगे
0 पेट रोग के लिए चन्द्रमा और हृदय के लिए सूर्य की आराधना करें।
0 दांत रोग के लिए बृहस्पति की पूजा करें, मूंगा, पुखराज धारण करें।
0 सफेद दाग तब होता है जब वृष, राशि में चन्द्र, मंगल एवं शनि का योग बनता है। कर्क, मकर, कुम्भ और मीन को जल राशि के नाम से जाना जाता है.चन्द्रमा और शुक्र जब इस राशि में युति बनाते हैं तो इस रोग से पीड़ित होने की संभावना रहती है। मोती एवं पुखराज धारण करना चाहिए।
0 बवासीर तब होता है जब जन्म कुण्डली में सप्तम भाव में पाप ग्रह होते हैं। इस रोग में मोती, मूनस्टोन अथवा मूंगा धारण करें
0 गठिया, ब्लड प्रेशर, नसों की कमजोरी वाले सूर्य को जल चढ़ाएं। लाल वस्त्र और नारियल दान करें।
0 सिरदर्द, ह्रदय रोग, कब्ज की बीमारी वाले चंद्रमा को मजबूत करें। सोमवार को शिव मंदिर में ऊँ नमः शिवाय का जाप करें।
0 कई बीमारी से बचने दक्षिण दिशा में सिर करके सोएं।
0 उत्तर दिशा में मुख करके स्नान और भोजन करें।
0 प्रतिदिन 10 मिनट ताली अवश्य बजाएं।
0 शक्कर कभी न खाएं और रात्रि में चावल न खाए।
0 खाने के बाद वज्रासन करें।