Cyber Fraud News: साइबर फ्राड होते ही इस हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत करें काल, बच सकते हैं आपके पैसे
Cyber Fraud News: साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 से पुलिस को सहायता मिल रही है। 10 दिनों में चार लाख रुपये बचाए गए हैं।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Sun, 01 Jan 2023 01:14:57 PM (IST)
Updated Date: Sun, 01 Jan 2023 01:14:56 PM (IST)

रायपुर। Cyber Fraud News: जैसे-जैसे लोगों की आनलाइन सक्रियता बढ़ती जा रही है, उसी तरह आनलाइन या साइबर क्राइम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं साइबर क्राइम से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ की साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 से पुलिस को सहायता मिल रही है। आपको बतादें कि अगर आप साइबर फ्राड के शिकार हो जाते हैं तो आप थोड़ी सतर्कता दिखाकर ठगी में पैसे बचा सकते हैं।
इधर, साइबर फ्राड के पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता को और बेहतर बनाने की दृष्टि से इस व्यवस्था को 19 दिसंबर से डायल 112 कंट्रोल रूम में शिफ्ट किया गया है। इस व्यवस्था का बेहतर परिणाम सामने आया है। 19 से 28 दिसंबर तक 10 दिनों में 1930 हेल्पलाइन टीम द्वारा लगभग चार लाख रुपये बचाए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तकनीकी सेवा कवि गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्षों में इस व्यवस्था के माध्यम से चार करोड़ से ज्यादा राशि होल्ड करवाया जा चुका है।
कैसे काम करती है सिटीजन फाइनेंशल फ्राड रिर्पोटिंग सिस्टम पुलिस के लिए साइबर क्राइम पोर्टल पर सिटीजन फाइनेंशियल फ्राड रिर्पोटिंग सिस्टम नामक प्लेटफार्म उपलब्ध है। इसमें पुलिस के साथ-साथ सभी बैंक मर्चेंट एवं वालेट कंपनियों के नोडल अधिकारी भी जुड़े रहते हैं। जैसे ही कोई साइबर फाइनेंशियल फ्राड की शिकायत पोर्टल पर दर्ज की जाती है। इसकी सूचना सबसे पहले उस बैंक के नोडल अधिकारी के पास पहुंचती है, जिस बैंक का खाता धारक प्रार्थी है।
नोडल अधिकारी पोर्टल के माध्यम से जिस बैंक के खाताधारक को राशि क्रेडिट हुई है, उसे सूचित करता है। यदि सूचित किए गए दूसरे बैंक के आरोपित खाताधारक के खाते में धनराशि उपलब्ध है तो वह होल्ड हो जाती है और यदि दूसरे बैंक से भी धनराशि किसी तीसरे बैंक को ट्रांसफर हो गई है तो इस संबंध में दूसरे बैंक के नोडल अधिकारी द्वारा तीसरे बैंक के नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया जाता है। यह सिलसिला तब तक चलता है, जब तक ऐसा खाताधारक नहीं प्राप्त हो जाता है, जिसके खाते में धनराशि हो। यदि आरोपित द्वारा एटीएम से पैसे का आहरण कर लिया जाता है तो पैसा होल्ड नहीं हो पाता है और इस संबंध में बैंक द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया जाता है।