राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और प्रशासन की संयुक्त रणनीति के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। साल 2010 की तुलना में 2024 तक नक्सली घटनाओं में 47 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसके साथ ही नक्सल हमलों में नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की मौतों की संख्या में भी 64 प्रतिशत की कमी देखी गई है। यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट में सामने आई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए चल रही योजनाओं का धरातल पर असर दिख रहा है।
नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में 2,384.17 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस राशि में से छत्तीसगढ़ को 773.62 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
इस योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे को विकसित करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना है। राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण को गति दी है।
इसके अलावा, नक्सल प्रभावित युवाओं को शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से आने वाले वर्षों में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की रणनीति बनाई जा रही है।
राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार की सख्त नीतियों और सुरक्षा बलों की सक्रियता के चलते नक्सलवाद बैकफुट पर आ गया है। सरकार की रणनीति में ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
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सरकार की इन योजनाओं की वजह से नक्सली संगठनों के प्रति जनता का समर्थन कम हुआ है। बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना के तहत सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाएं पहुंचाने के लिए काम कर रही है।