रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने प्रदेश के जिलों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के चिकित्सा देयकों में कर्मचारियों को अनावश्यक आपत्ति लगाकर विपत्ति संकट पैदा करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने कहा है कि बीमार, मृत कर्मचारियों के परिजन, कोरोना में कराए गए इलाज के चिकित्सा देयकों को देने के लिए तीन-चार कार्यालयों में चक्कर लगवाने, अनावश्यक आपत्तियां लगाकर लौटाने तथा कुल चिकित्सा देयक में से 30-40 प्रतिशत राशि की कटौती करके कर्मचारियों को परेशान किया जाता है। इस संबंध में दस्तावेजी प्रमाण दिया जा चुका है।
संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से केंद्रीय कर्मचारियों की तरह चिकित्सा प्रतिपूर्ति के स्थान पर पांच हजार रुपये प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता देने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरिस खान ने बताया है कि अंतः रोगी एवं बाह्य रोगी के देयक अलग-अलग मांगा जा रहा है।
इसी प्रकार कोई कर्मचारी यदि आंख का ऑपरेशन कराता है, जो मात्र एक घंटे में हो जाता है, तो उसके देयक में भर्ती होने व चिकित्सालय से छुट्टी होने का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। एक कर्मचारी के दो बिल बनाए जाने का निर्देश देते हुए आपत्ति लगाई जा रही है। यदि प्रस्तुत देयक 25 हजार से कम है, तो जिला चिकित्सालय में उसे पारित कराने को कहा जाता है।
इसी तरह यदि देयक 25 हजार से ज्यादा है, तो भी पहले जिला चिकित्सालय उसके बाद संचालनालय से स्वीकृति कराने के लिए चक्कर कटवाया जाता है। इसमें भी इलाज में हुए वास्तविक खर्च का 30 से 40 प्रतिशत राशि को कटौती कर स्वास्थ विभाग देयक पारित करता है। उसके बाद विभागीय औपचारिकता व कोषालय में देयक जमा करने व स्वीकृत कराने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। अंत में जब संपूर्ण प्रक्रिया से गुजर जाता है, तब आबंटन का रोना रोया जाता है।
कर्मचारी की पत्नी को उस पर आश्रित होने का लज्जाजनक शपथपत्र तथा कितने बच्चे हैं, उसकी जन्म तारीख तक मांगी जाती है। इतनी औपचारिकता से गुजरने पर तालिबान में भी चिकित्सा देयक पारित हो जाएगा। चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम में आवश्यक संशोधन करने की मांग संघ के कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय संयोजक विमल चंद्र कुंडू, प्रांतीय सचिव सुरेंद्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, रामचंद्र तांडी, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, राजेन्द्र उमाठे, जाॅन सी पाॅल, शंकर लाल सावरकर, श्रीकांत मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, एसपी यदु, प्रांतीय सचिव मनोहर लोचनम्, एजे नायक, राजकुमार देशलहरे, अमरेन्द्र झा, पिताम्बर ठाकुर, डाॅ. अरूंधति परिहार, एसके सोनी आदि नेताओं ने की है।