By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 19 May 2022 01:33:44 PM (IST)
Updated Date: Thu, 19 May 2022 01:33:44 PM (IST)
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रायपुर शहर में बिजली ट्रांसफार्मर की आड़ में अतिक्रमण करना आसान है। दरअसल यहां के एक हजार से अधिक स्थानों पर सालों पहले बिजली विभाग ने जब ट्रांसफार्मर लगाए थे, तब सड़क की चौड़ाई अधिकतम 10 से 15 फीट थी, लेकिन जैसे-जैसे शहर की आबादी के साथ यातायात का दबाव बढ़ता गया, सड़कों की चौड़ाई 20 से 30 फीट तक बढ़ गई। इस दौरान बिजली ट्रांसफार्मरों को भी सड़क के साथ किनारे किया गया, लेकिन बाकी ट्रांसफार्मर जस के तस होने के कारण वहां अतिक्रमणकारी कब्जा जमाते चले गए। हालत यह है कि शहर में ट्रांसफार्मर के आसपास खाली जगह दिखी नहीं कि ठेले, खोमचे,चश्मा, गमछा आदि सामान बेचने वाले वहां जम गए।
नईदुनिया ने पड़ताल में पाया कि राजधानी रायपुर की सड़क, फुटपाथ और बिजली ट्रांसफार्मर के आसपास कब्जा कराने में वार्ड के जनप्रतिनिधियों का दुकानदारों को संरक्षण प्राप्त रहता है। यही कारण है कि निगम की उड़नदस्ता टीम शिकायत के बाद भी कार्रवाई करने से तब तक बचती है, जब तक कि निगम के अधिकारियों का आदेश नहीं होता।
यहां तेजी से हो रहा अतिक्रमण
मालवीय रोड, जीई रोड, बूढ़ातालाब, गणेश शंकर मंदिर, नगर निगम गार्डन, पुरानी बस्ती, लाखेनगर, सुंदरनगर, डीडीनगर आदि इलाके में फुटपाथ पर ट्रांसफार्मर लगे होने से इनकी आड़ में अतिक्रमणकारी वर्षों से कब्जा जमाकर दुकान चला रहे हैं। निगम का अमला और बिजली विभाग के जिम्मेदार इन कब्जों को देखकर भी अनजान बने हुए हैं। अतिक्रमण की भेंट चढ़े ये बिजली ट्रांसफार्मर हर समय हादसे को न्योता दे रहे हैं। इसके बावजूद इसे हटाने के लिए अभी तक बिजली विभाग ने कोई योजना नहीं बनाई है। हालांकि अब बिजली कंपनी इसे लेकर गंभीर हुई है। अधिकारियों ने निगम प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करने के संकेत दिए हैं।
जगह मिलने में दिक्कत
बिजली अधिकारियों ने कहा कि ट्रांसफार्मर को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने में लाखों का खर्च तो होगा ही, सबसे बड़ी दिक्कत नई जगह मिलने की है। कोई भी रहवासी नहीं चाहता कि उसके घर के आसपास ट्रांसफार्मर स्थापित हो। जब भी नई जगह में ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं, वहां के रहवासी तत्काल जनप्रतिनिधियों के साथ विरोध करने लगते हैं। यही नहीं, ट्रांसफार्मर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थापित करने से लोगों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने में दिक्कत होती है। ऐसे हालात में निगम और जिला प्रशासन की मदद लेकर रहवासियों की सहमति से ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाता है।
बिजली अधिकारियों का दावा, ढाई सौ ट्रांसफार्मर सुरक्षित
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया है कि शहर के भीड़भाड़, बाजार, मुख्य सड़क में स्थापित ट्रांसफार्मरों को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया गया है। प्रथम चरण में 90 लाख रुपये खर्च करके शहर के ढाई सौ से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर को घेरकर फंेसिंग का काम कराया गया है, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो और ट्रांसफार्मर से लोग दूर रह सकें। दूसरे चरण में डेढ़ सौ ट्रांसफार्मरों की भी फंेसिंग का काम कराने का प्रस्ताव बनाया गया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही काम शुरू किया जाएगा।
निगम हटाए कब्जा
बिजली कंपनी के मुताबिक रायपुर शहर में लगभग चार हजार बिजली ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। इनमें से डेढ़ हजार के करीब ट्रांसफार्मर ऐसे स्थान पर लगे हुए हैं, जहां की सड़कें सालों पहले संकरी थीं, लेकिन अब चौड़ी हो चुकी हैं। हालांकि इनमें से कुछ को हटाकर आसपास ही स्थापित किया जा चुका है, पर बाकी ट्रांसफार्मर अब भी वहीं पर होने से लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है, वहीं हादसे का खतरा भी बना रहता है। ऐसे ट्रांसफार्मर के आसपास अतिक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इन कब्जों को हटाने के लिए निगम अमले को कार्रवाई करनी चाहिए।
जीई से हटा कब्जा
नईदुनिया की ये फुटपाथ हमारा है अभियान का असर भी अब दिखाई देने लगा है। दो दिन पहले राजकुमार कालेज के सामने चौबे कालोनी जाने वाले रास्ते के मोड पर स्थापित बिजली ट्रांसफार्मर से लगी खाली जगह पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा करना शुरू कर दिया था। बाकायदा ईंट से निर्माण कराया जा रहा था। निगम अमले की नजर इस पर पड़ी और तत्काल कब्जेबाज को चेताया। इसके बाद बुधवार को निर्माण कार्य रोकने के साथ ही कब्जा हटाया गया।
सीएसपीडीसीएल के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर मनोज वर्मा ने कहा, सड़क चौड़ीकरण होने पर बिजली ट्रांसफार्मरों को आसपास स्थापित करने का काम लगातार कर रहे हैं। हालांकि नए जगह पर ट्रांसफार्मर लगाने में कई दिक्कतें आती हैं। ट्रांसफार्मर के आसपास अतिक्रमण हटाने निगम प्रशासन को पत्र लिखा जा रहा है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाएंगे।