
रायपुर। महंगाई के इस दौर में बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेना मजबूरी हो गई है। माता-पिता या बच्चे स्वयं ही पढ़ाई के लिए लोन की सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। ध्यान देने की बात यह है कि 16 से 35 वर्ष की उम्र के विद्यार्थी एजुकेशन लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अब यह जरूरी है कि एजुकेशन लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में कोर्स के दौरान होने वाले खर्च का भी प्रमाणपत्र देना होगा। आज के समय में नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए पैसा जुटाने है। ऐसे में एजुकेशन लोन बड़ी राहत देता है।
यह है प्रक्रिया-
एजुकेशन लोन पोस्ट ग्रेजुएशन या किसी प्रोफेशनल पढ़ाई के लिए लिया जा सकता है। अगर आपका किसी बैंक में खाता है तो वहां से लोन लेने में आसानी रहती है। एजुकेशनल इंस्टीट्यूट सरकार से मान्यता प्राप्त है तो आप प्रोफेशनल कोर्स के लिए आसानी से एजुकेशनल लोन ले सकते हैं। एजुकेशनल लोन के दायरे में कॉलेज फीस, हॉस्टल का खर्च, लाइब्रेरी और पढ़ाई के लिए कम्प्यूटर की खरीदारी आदि आते हैं।
ये डॉक्यूमेंट्स जरूरी-
एजुकेशन लोन से जुड़े आवश्यक दस्तावेजों में छात्र की पिछली परीक्षा की मार्कशीट, एंट्रेंस और स्कॉलरशिप के दस्तावेज, कोर्स के दौरान होने वाले खर्च के प्रमाणपत्र, आखिरी 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट और माता-पिता का बीते दो वर्षों का आइटीआर प्रमाणपत्र।
ये है शर्तें-
एजुकेशन लोन लेने के लिए सबसे पहले आवेदक का भारतीय होना जरूरी है। 16 से 35 वर्ष की आयु वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं। अगर आवेदन छात्र की ओर से किया जा रहा है, तो उसके माता-पिता (सह आवेदक) की मासिक आय के आधार पर ही लोन की राशि तय की जाती है।
एजुकेशन लोन पर ब्याज
पीएनबी- 8.95%
एसबीआइ - 8.60%
आइडीबीआइ- 9.50%
इंडियन बैंक-8.60%
इतना लोन मिल सकता है-
आमतौर पर देखा जाए तो छात्र न केवल देश बल्कि विदेश में पढ़ाई करने के लिए भी एजुकेशन लोन चाहते हैं। देश में पढ़ाई के लिए बैंक 10 से 15 लाख तक का लोन आसानी से अप्रूव कर देते हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए यह राशि 20 लाख रुपये तक होती है। बैंक छात्राओं को हायर एजुकेशन के लिए ब्याज दरों में एक फीसद तक की छूट देते हैं। चार लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए आवेदक को कुछ गारंटी देनी होती है..जैसे-जमीन-जायदाद के कागजात।
ये फायदा भी-
एजुकेशन लोन बेशक आवेदक पर वित्तीय दबाव बना देता है, लेकिन आप इससे एक फायदा भी उठा सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80ई के अंतर्गत इसके ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।