
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। बिजली बिल की बढ़ी हुई दर से परेशान आम उपभोक्ताओं को राज्य सरकार राहत देने की तैयारी में जुट गई है। 100 यूनिट की जगह 200 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना लागू करने की कवायद तेज हुई है। ऊर्जा विभाग ने इसके प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा है। मंजूरी मिलने पर इसका लाभ करीब 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक नई योजना लागू होने पर 200 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सीधे आधा बिल देना होगा।
उदाहरण के तौर पर 200 यूनिट पर औसतन आठ सौ से एक हजार रुपये का बिल आता है, जो हाफ होने पर चार से पांच रुपये हो जाएगा। इस योजना में कटौती के बाद उठे विरोध को देखते हुए सरकार ने राहत देने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि एक अगस्त 2025 को भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा एक मार्च 2019 को शुरू की गई 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना की सीमा घटाकर 100 यूनिट कर दी थी, जिससे लाखों उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया था।
विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार की घेरेबंदी करता आ रहा है। इसे ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी उपभोक्ताओं को राहत देने के संकेत दिए थे। इसी कड़ी में फिर से हाफ योजना की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इसे रखा जाएगा। मंजूरी मिलने पर दिसंबर से नई व्यवस्था लागू होने की संभावना है।
बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। 100 यूनिट तक हाफ योजना लागू होने के बाद भी 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता आ रहा है।
इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल रही है। दिसंबर से 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना लागू होने से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधे राहत मिलेगी, हालांकि सरकार पर सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त सब्सिडी भार बढ़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा सरकार से बिजली बिल हाफ योजना में दोबारा 400 यूनिट तक की छूट देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि योजना को 100 यूनिट तक करने से हर घर का बजट बिगड़ गया है और उपभोक्ताओं पर दो से तीन गुना बिल का भार बढ़ा है।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और स्मार्ट मीटरों के कारण जनता परेशान है। कोयले पर सेस घटने से बिजली उत्पादन सस्ता हुआ है, इसलिए सरकार को उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए। कांग्रेस ने इसे जनता के हित में जरूरी कदम बताया है।