नए वित्तीय वर्ष से मिल सकती है बिजली दर में राहत, बिजली नियामक आयोग की आमसभा में तय होगा टैरिफ शुल्क
छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अगले वित्तीय वर्ष अप्रैल 2023 से बिजली दर में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Sun, 12 Feb 2023 03:58:24 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Feb 2023 03:58:24 PM (IST)

रायपुर। Chhattisgarh Electricity News: छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को अगले वित्तीय वर्ष अप्रैल 2023 से बिजली दर में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल चुनावी साल होने के कारण ऐसी उम्मीद की जा रही है। बिजली नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आम सभा में तय होगा टैरिफ शुल्क
आयोग के अधिकारियों ने 21 और 22 फरवरी को कार्यालय में आम सभा का आयोजन किया है। इस आम सभा में नियामक आयोग के अधिकारी उपभोक्ताओं के लिए नया दर तय करने के लिए उनसे सुझाव लेने के साथ यह पूछेंगे कि टैरिफ शुल्क कितना रखे। इन सुझावों के बाद ही शुल्क तय किया जाएगा।
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व के सालों की तरह आयोग के अधिकारियों को दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। दर बढ़ाने के प्रस्ताव पीछे का कारण कंपनी के अधिकारी पुराना नुकसान की भरपाई करना बता रहे हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग को दी गई याचिकाओं में कंपनियों ने नए पूंजी निवेश, व्यय और आय का पूरा लेखा-जोखा दिया है।
कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्षो में हुए घाटों का उल्लेख करके दर बढ़ाने की आयोग के अधिकारियों से की है।अधिकारियों के मुताबिक टैरिफ दर तय करने के लिए 21-22 फरवरी को आम सभा रखी गई है। इस आम सभा में पिछले सालों की तरह सभी उपभोक्ता अपना पक्ष रख सकते हैं और आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। आम सभा होने के बाद कमेटी चर्चा करके अंतिम निर्णय जारी करेगी।
आमसभा में यह होगा
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि 21 फरवरी को सुबह 11 बजे से डेढ़ बजे तक कृषि और संबद्ध सेवाओं के उपभोक्ताओं की सुनवाई होगी। जबकि ढाई बजे से साढ़े तीन बजे गैर घरेलू उपभोक्ता और साढ़े तीन से साढ़े पांच बजे तक घरेलू उपभोक्ता अपनी आपत्ति जता सकेंगे।
22 फरवरी को 11 बजे से डेढ़ बजे तक सभी उच्च दाब उपभोक्ता, दोपहर ढ़ाई से साढ़े चार बजे तक निम्न दाब उपभोक्ता और साढ़े चार से साढ़े पांच बजे तक स्थानीय निकाय, नगर निगम और ट्रेड यूनियन जैसे संगठन अपनी बात अधिकारियों के सामने रखने के साथ आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।