राज्य ब्यूरो, नईदुनिया,रायपुर: कोल लेवी घोटाले में फर्जी दस्तावेज तैयार कर उच्चतम न्यायालय को गुमराह करने के मामले में ईओडब्ल्यू-एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों पर आपराधिक परिवाद दायर किया गया है। अधिवक्ता गिरिश चंद्र देवांगन की शिकायत के आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांक्षा बेक की अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी के चीफ अमरेश मिश्रा, एडिशनल एसपी चंद्रेश ठाकुर और डीएसपी राहुल शर्मा को नोटिस जारी करते हुए 25 अक्टूबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
दरअसल कोल लेवी घोटाले में दर्ज अपराध की विवेचना के दौरान जिला जेल धमतरी में बंद आरोपित निखिल चंद्राकर को 16-17 जुलाई 2025 को धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। परंतु जांच में सामने आया कि न्यायालय में पेश कथित बयान वास्तव में विवेचकों द्वारा अपने कार्यालय में तैयार कर लाया गया था और केवल हस्ताक्षर लेकर दस्तावेज को असली बताकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया।
फारेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट में यह भी साफ हुआ है कि दस्तावेज में प्रयुक्त फांट न्यायालय के आधिकारिक फांट से मेल नहीं खाता, और उसमें मिश्रित फांट का प्रयोग हुआ है। इससे साफ होता है कि दस्तावेज न्यायालय में तैयार नहीं किया गया, बल्कि कूटरचित है।
यह भी पढ़ें- HIV Positive महिला की पहचान उजागर करने पर Chhattisgarh HC ने जताई नाराजगी, बताया अमानवीय और असंवेदनशील कृत्य
आरोप है कि विवेचकों ने इस फर्जी दस्तावेज का उपयोग कर मामले में गंभीरता दर्शाने और निर्दोषों को फंसाने का प्रयास किया। इस मामले पर अब न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए तीनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।