राज्य ब्यूरो,नईदुनिया,रायपुर: भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा राशि घोटाला मामले में बुधवार को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने जल संसाधन विभाग के दो कर्मचारी समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने सभी आरोपितों को विशेष कोर्ट में पेश किया। इनमें चार आरोपित ईओडब्ल्यू की रिमांड पर और दो जेल भेजे गए हैं। अब तक इस घोटाले में दस आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके है।
जल संसाधन विभाग में अमीन गोपाल राम वर्मा (सेवानिवृत्त) और नरेंद्र कुमार नायक को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। वहीं, खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल को 18 जुलाई तक रिमांड पर लिया गया है।
जांच में पाया गया कि जल संसाधन विभाग के दो कर्मचारियों ने अधिग्रहित की गई भूमि के बारे में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसके साथ ही भूअर्जन प्रकरण में शासन द्वारा अर्जित भूमि को पुन: शासन को विक्रय कर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य को मुआवजा देने, निजी भूमि के गलत मुआवजा और उसके टुकड़े कर उपखण्डों में विभाजित कर मुआवजा राशि हड़पने के सुबूत पाए गए।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2020 से भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की हैं। इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया गया है। मुआवजा वितरण में भ्रष्टाचार कर सरकार को 600 करोड़ की हानि पहुंचाई गई है।