
रायपुर। राजधानी से सटे माना बस्ती बटालियन के पास दो साल पहले भी तेंदुआ देखा गया था। गांव वालों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की थी। टीम ने करीब दस दिन तक तेंदुए को ट्रैप करने की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी। सोमवार को वन विभाग की टीम ने शद्दाणी दरबार के पास पोल्ट्री फार्म में साढ़े पांच साल की मादा तेंदुआ का सफल रेस्क्यू किया। इस मादा तेंदुआ को नंदनवन में रखा गया है।
वन विभाग के डॉक्टरों की टीम द्वारा जल्द ही उसका शारीरिक परीक्षण कर उसे बार नवापारा या उदंती सीता नदी में छोड़ा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ मादा तेंदुआ कहां से आया इसे लेकर वन विभाग के अधिकारियों में भी संशय बना हुआ है। वन्यजीव प्रेमियों ने रेडियो कालर लगाकर तेंदुए को अविलंब छोड़ने की मांग की है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी से महज 14 किमी की दूरी पर स्थित रायल पोल्ट्री फार्म पर मादा तेंदुआ मुर्गी खाने के लिए आया करता था। सोमवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे तेंदुआ मुर्गी खाने आया तब वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में फंस गया। उसे नंदनवन में रखा गया है।
विभाग के सूत्रों की माने तो मादा तेंदुआ पिछले कई सालों से माना बस्ती के पास देखा जा रहा था। कुछ लोगों का कहना है कि तेंदुआ राजिम की तरफ से होकर आया होगा। लेकिन यह शोध का विषय है कि तेंदुआ आया आखिर आया कहां से।
21 दिनों तक रख सकते है तेंदुए को
अधिकारी ने बताया कि नेशनल जू एथॉर्टी के अनुसार वन्यजीव को रेस्क्यू कर 21 दिनों तक अपने साथ रख सकते हैं। उसके बाद उनको जंगल में छोड़ना है। मंगलवार को नंदनवन के वन्यजीव चिकित्सक द्वारा उसके व्यवहार का अवलोकन किया गया। नंदनवन प्रबंधन स्वास्थ्य परीक्षण कर पीसीसीएफ से अनुमति मिलने के बाद उसे तत्काल छोड़ने की तैयारी कर रही है।
- तेंदुआ कहां से आया होगा अभी इसका आंकलन करना संभव नही है। स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही जानकारी इक्ट्ठा की जा रही है कि तेंदुआ शहर के पास कहां से आ सकता है। - एससी अग्रवाल पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ छत्तीसगढ़