रायपुर। शहर के सबसे बड़े व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स रवि भवन में बुधवार दोपहर 1.30 बजे कचरे में लगी आग ने भीषण रूप ले लिया। तीन-चार घंटे में 100 दुकानें-गोदाम राख हो गए।
एडीआरएफ और भिलाई दमकल की टीम को आग पर काबू पाने में 8 घंटे कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि दुकानों में धुआं भर चुका था। शाम 5 बजे लगा कि आग नियंत्रण में है, तभी अचानक एक और गोदाम से लपटें उठने लगीं।
जेसीबी से दीवार तोड़कर दमकल टीम ने दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस घटना में 20 करोड़ के नुकसान की बात सामने आ रही है। रविभवन प्रमोटर बिल्डर की सबसे बड़ी लापरवाही यह कि 530 दुकानों वाले कॉम्प्लेक्स में फायर फाइटिंग सिस्टम तक नहीं था। दूसरी लापरवाही जिला प्रशासन की सामने आई है।
कलेक्टर ओपी चौधरी ने महीनेभर पहले बंजारी रोड कॉम्प्लेक्स में आगजनी के दौरान कहा था अगर रविभवन में आग लगी तो बुझा पाना बेहद मुश्किल होगा। इसके बावजूद न तो जिला प्रशासन ने कॉम्प्लेक्स की जांच की न ही नगर निगम ने।
रविभवन विवादित परिसर है, यहां 2 हजार वर्ग मीटर में अवैध निर्माण हुआ है। साल 2000 में संभागायुक्त ने 2 करोड़ रुपए जुर्माना किया, लेकिन निगम आज तक वसूल नहीं पाया है और न ही भवन में कितनी दुकानें हैं, कितना कंस्ट्रक्शन अनुबंध के अतिरिक्त करवाया गया इसका सत्यापन कर पाया है। प्रथम तल जहां आग लगी वहां मोबाइल, एसेसरीज, कॉस्मेटिक्स की लगभग 50 दुकानें हैं। आग लगने के वहां अफरा-तफरी मच गई, दो हजार से अधिक लोग और कारोबारी जान बचाकर भागे।
दुकान के बाहर रखे कचरे में सिगरेट से भड़की आग-
प्रथम तल में संचालित प्रियंका कॉस्मेटिक्स के पास कचरे में आग भड़की। इसका कारण किसी व्यक्ति द्वारा सिगरेट फेंकना बताया जा रहा है। दुकान संचालक लखन छबलानी साथी दुकानदारों को बता भी नहीं पाया कि आग बेकाबू हो गई।
2000 से उठा रहा हूं मुद्दा-
पार्षद मृत्युजंय दुबे ने 'नईदुनिया" को बताया- 'मैं रविभवन में अवैध कंस्ट्रक्शन का मुद्दा 2000 से उठा रहा हूं। जांच हुई, पुष्टि भी कि 2 हजार वर्गमीटर निर्माण अवैध है। 2017 की सामान्य सभा में भी जानकारी मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई। महापौर, आयुक्त, कलेक्टर बताएं कि हाईकोर्ट से केस हारने के बाद भी रविभवन प्रमोटर बिल्डर्स पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस घटना के लिए तो बिल्डर पर एफआईआर होनी चाहिए।
आगे जांच कर कार्रवाई
महीनेभर पहले कॉम्प्लेक्स में आगजनी की घटना से बचने सुधार के निर्देश दिए थे। फायर सेफ्टी सिस्टम लगाने को भी कहा था। घटना की जांच करवाएंगे। (पूछे जाने पर कि कार्रवाई नहीं की, उन्होंने चुप्पी साध ली।
ओपी चौधरी, कलेक्टर रायपुर