
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: राज्य में फूड टेक्नोलॉजी का राष्ट्रीय संस्थान खुलेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान इस विषय पर चर्चा की गई।
सीएम ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (एनआइएफटीईएम) संस्थान की स्थापना की जाए, ताकि राज्य के युवाओं को आधुनिक खाद्य तकनीक, उद्यमिता तथा नए रोजगारों से संबंधित उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि राज्य का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को राइस ब्रान ऑयल हब (चावल की भूसी से निकाला गया एक स्वस्थ और बहुमुखी खाना पकाने का तेल) के रूप में विकसित करना है, जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को सुदृढ़ समर्थन मिलेगा। आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ और विकसित भारत 2047 का सपना इन्हीं प्रयासों के माध्यम से साकार होगा।
साय ने विशेष रूप से राज्य में खाद्य सुरक्षा, कृषि-आधारित उद्योगों और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र का ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि दृष्टि से छत्तीसगढ़ एक मजबूत राज्य है और यहां ऐसे संस्थान से हजारों छात्रों, किसानों तथा खाद्य-आधारित उद्यमों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री पासवान ने इस प्रस्ताव पर हर संभव सहयोग देने और इसे गंभीरता से विचार में लेने की बात की है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत मौजूद रहें।
मुख्यमंत्री साय ने रायपुर में वर्ल्ड फूड इंडिया का रीजनल समिट आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रायपुर की समृद्ध खाद्य परंपरा, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और विविधता इसे ऐसे आयोजन के लिए आदर्श स्थान बनाती है।
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में ड्रूल्स कंपनी द्वारा ₹1,000 करोड़ के निवेश से लगभग 3,000 रोजगार सृजित होंगे, जिसका लाभ ग्रामीण व आदिवासी समाज तक पहुंचेगा।
राज्य में धान, मक्का, दलहन, तिलहन, फल और सब्ज़ियां तथा वनोपज की खाद्य इकाइयां होने से यहां निवेश की अपार संभावनाए हैं।