जबरन मतांतरण रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लाएगी सख्त कानून, 10 साल की सजा का बिल तैयार
CG News: छत्तीसगढ़ में बढ़ती जबरन और प्रलोभन आधारित मतांतरण की शिकायतों को देखते हुए विष्णु देव साय सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र (14 से 17 दिसंबर) में एक कठोर मतांतरण विरोधी विधेयक पेश करेगी।
Publish Date: Fri, 05 Dec 2025 10:12:06 AM (IST)
Updated Date: Fri, 05 Dec 2025 11:34:43 AM (IST)
जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार का सख्त कानून।HighLights
- जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार का सख्त कानून।
- आदिवासी इलाकों में विवाद बढ़ने से कानून की जरूरत।
- पिछले दो वर्षों में 105 मतांतरण मामलों की शिकायतें दर्ज हुईं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ में बढ़ती जबरन और प्रलोभन आधारित मतांतरण की शिकायतों को देखते हुए विष्णु देव साय सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है।
सरकार आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र (14 से 17 दिसंबर) में एक कठोर मतांतरण विरोधी विधेयक पेश करेगी। मुख्यमंत्री बनने के बाद साय द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राज्य सरकार का नया कानून
राज्य सरकार ने नया कानून तैयार करने के लिए ओडिशा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत नौ राज्यों के धर्म स्वतंत्रता अधिनियमों का अध्ययन किया। पांच पेज के मसौदे में कुल 17 महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं।
10 साल तक की सजा और कड़ी नियमावली
प्रस्तावित कानून में प्रलोभन, धोखाधड़ी, दबाव या किसी भी तरह की जबरदस्ती से किए गए मतांतरण को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
संभावित प्रमुख प्रावधान
- जबरन या प्रलोभन आधारित मतांतरण पर अधिकतम 10 वर्ष की सजा।
- बिना सूचना के मत परिवर्तन कराने पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई।
- मतांतरण से 60 दिन पहले जिला प्रशासन को सूचना देना अनिवार्य होगा।
- कानून में 'प्रलोभन' और 'जबरन मतांतरण' की परिभाषा को और स्पष्ट किया गया है।
यह नया कानून छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 को प्रतिस्थापित करेगा, जिसमें जबरन मतांतरण पर केवल 1 वर्ष की सजा और 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान था।
आदिवासी इलाकों में विवाद बढ़ने से कानून की जरूरत
राज्य के बस्तर, जशपुर, रायगढ़ जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रलोभन देकर ईसाई धर्मांतरण के आरोपों को लेकर लगातार विवाद बढ़ा है। कई जगह पर यह मामला गुटीय संघर्ष का रूप भी ले चुका है, जिससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़ा है।
- पिछले दो वर्षों में 105 मतांतरण मामलों की शिकायतें दर्ज हुईं।
- पिछले एक वर्ष में 25 नए मामलों में आपराधिक प्रकरण बने।
- अब तक 50 मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में साफ कहा था कि चंगाई सभाओं में प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
सरकार का उद्देश्य
- सरकार के अनुसार कठोर कानून लाने का उद्देश्य है:
- राज्य में जबरन या प्रलोभन आधारित धर्मांतरण पर रोक।
- आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ते संघर्ष व विवाद को रोकना।
- धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना।
- कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाना।