
जितेंद्र सिंह दहिया, नईदुनिया, रायपुर : राज्य दवा निगम (सीजीएमएससी) ने सेफोटैक्सिम इंजेक्शन के उपयोग पर रोक लगा दी है। मरीजों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की शिकायत के बाद यह रोक लगाई गई है। सभी केंद्रों से स्टॉक वापस मंगा लिया गया है।
बता दें कि इंजेक्शन की आपूर्ति सीजीएमएससी से की गई थी। बैच नंबर सीटी4214 है। निर्माण तिथि जुलाई 2024 और समाप्ति तिथि जून 2026 है। महासमुंद और कोरबा के स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा की गई शिकायत में बताया गया कि इस इंजेक्शन को लगाने से मरीजों की तबीयत बिगड़ रही है। जिसके बाद इसके उपयोग पर रोक लग गई है।
बता दें कि सेफोटैक्सिम इंजेक्शन एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक इंजेक्शन है, जिसका उपयोग शरीर में संक्रमण जैसे न्यूमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, त्वचा, जोड़ों, हड्डियों और मस्तिष्क के संक्रमण के इलाज में किया जाता है। यह गंभीर बीमारियों में अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाता है।
राज्य के सिकलसेल संस्थान में हाइड्रोक्सयूरिया 500 एमजी की 17,500 कैप्सूल अमानक पाई गईं थी। शिकायतों के बाद जांच में जेड-704 और जेड-23-705 बैच की दवाएं घटिया साबित हुईं। यह दवा सिकलसेल, गर्भाशय और डिम्बग्रंथि के कैंसर में दी जाती है।
सीजीएमएससी द्वारा आपूर्ति किए गए फेनिटाइन सोडियम इंजेक्शन (सीबीवाई 2503) अमानक पाए गए हैं। यह इंजेक्शन मिर्गी और सिर की चोट के झटकों में जरूरी माना जाता है। इससे पहले भी आइड्राप, बुखार की गोलियां और फालिक एसिड जैसी दवाएं अमानक निकली थीं।
सरकारी अस्पतालों को दी गई क्लियर एंड स्योर ब्रांड की प्रेग्नेंसी किट 50 प्रतिशत तक गलत रिपोर्ट दे रही है। रायपुर के कचना पीएचसी सहित कई जगहों पर इसकी शिकायत हुई। 7.53 लाख किट वितरित हो चुकी हैं, जबकि 6.50 लाख वेयरहाउस में पड़ी हैं।
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दवा आपूर्ति से पहले जांच में दवाओं को पास कर दिया जाता है, जबकि वितरण में घटिया या जल्दी एक्सपायर होने वाली दवाएं भेजी जाती हैं। इससे साफ है कि सीजीएमएससी की आपूर्ति प्रणाली में गंभीर अनियमितता है। लगातार हो रही गड़बड़ियों से घोटाले की आशंका गहराई है और उच्च स्तरीय जांच की मांग उठ रही है।
जिन दवाओं और उत्पादों की शिकायतें आ रही हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस मंगाकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद सप्लायर कंपनी पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-दीपक म्हस्के, सीजीएमएससी, अध्यक्ष
वापस मंगाई गई सर्जिकल ब्लेड
नईदुनिया ने 10 जुलाई के अंक में खराब सर्जिकल ब्लेड अस्पतालों में भेजे जाने का मामला उजागर किया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल व सीजीएमएससी अध्यक्ष दीपक म्हस्के के निर्देश पर बैच नंबर जी-409 के सर्जिकल ब्लेड को सभी शासकीय अस्पतालों व मेडिकल कालेजों से वापस मंगवाया गया है।
इन ब्लेड्स में जंग लगने की शिकायतें आई थीं, जिससे ऑपरेशन के दौरान संक्रमण का खतरा था। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी संस्थानों को तत्काल उपयोग रोकने और उत्पाद वापस करने के निर्देश जारी किए हैं। सीजीएमएससी ने जानकारी दी है कि संबंधित फर्म अब नए बैच के सर्जिकल ब्लेड की आपूर्ति करेगी।