आकाश शुक्ला, रायपुर। कंप्यूटर, मोबाइल, टीबी पर अधिक समय बिताने से आंखों की परेशानियां तो सामने आ रही थीं। लेकिन कोरोना काल से ऐसे मरीजों की संख्या सर्वाधिक बढ़ी है, जिन्हें डिजिटल माध्यमों के अधिक उपयोग की वजह से आंखों और सिर दर्द से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में पहुंचने वाले 50 फीसद मरीज इसी तरह की समस्या से ग्रस्त हैं, जिसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहा जाता है। यह बात बुधवार को आयोजित हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पं. जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर, नेत्र रोग विशेषज्ञ (रेटिना सर्जन) डॉ. संतोष सिंह पटेल ने कही।
डा. संतोष ने बताया कि कोरोना काल से कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल के माध्यम से स्कूल, कालेजों में पढ़ाई शुरू हुई। दफ्तर के काम और मीटिंग भी ऑनलाइन माध्यमों से की जा रही हैं। पहले की अपेक्षा डिजिटल माध्यमों में समय अधिक देने की वजह से आंखों से पानी आना, कम दिखाई देना, जलन, खुजली, सिर दर्द जैसी शिकायतें बढ़ीं हैं। विभाग की ओपीडी में देखा गया है कि कुल मरीजों में इस लक्षण वाले कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के मरीजों की संख्या 50 फीसद से अधिक देखी जा रही है।
वहीं, इससे पहले इस बीमारी के मरीज बमुश्किल 10 फीसद तक ही मिलते थे। यह समस्या बच्चों में अधिक सामने आई है। क्योंकि समय के साथ बच्चों की निर्भरता कंप्यूटर, मोबाइल पर बढ़ी है। बच्चों के आउटडोर गेम खेलने में कमी आई है। ऐसे में जरूरत पर ही इनका उपयोग करें, बड़े स्क्रीन का उपयोग करें, पढ़ाई के लिए मोबाइल का प्रयोग बंद करें, समय-समय पर आंखों को आराम दें।
पांच वर्ष के बाद एक बार आंखों की जांच जरूरी
डॉ. संतोष ने बताया कि पांच वर्ष होने पर बच्चों के आंखों की जांच कराना जरूरी होता है। इसके बाद हर साल एक बार जांच जरूर कराएं क्योंकि कई लोगों में जन्मजात या समय के साथ आंखों में धुंधलापन, कम दिखाई देना जैसी समस्याएं सामने आतीं हैं। इसे लेजी आइ डिसीज या एंबलाइयोपिया कहते हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों की जांच को लेकर जागरूकता जरूरी है।
चोट आने पर रेटिना जांच जरूरी, कैंसर को भी जानें
डॉ. संतोष ने कहा कि आंखों में या आस-पास चोट आने पर रेटिना में छेद होने की आशंकाएं अधिक होतीं हैं। स्थिति ख्ाराब हुई तो आंख की रोशनी चले जाना का खतरा होता है। इसलिए जांच जरूरी हो जाती है। डॉ. संतोष ने आंखों के कैंसर को लेकर कहा कि इस कैंसर के शुरुआती लक्षण जैसे आंखों में सफेदी आना, आंखें तिरछी होना, न दिखने आदि पर जांच कराएं। समय पर जांच से कैंसर की पहचान हो जाती है तो मरीज की जिदंगी के साथ आंख भी बच जाता है। नहीं तो आंख के साथ कैंसर मस्तिष्क व अन्य अंगों में फैलता है, जिससे स्थिति खराब होती है।
आंखों में बार-बार पानी छिड़कने की आदत खराब
डॉ. संतोष ने बताया कि आंखों में कचड़ा, केमिकल, तेल आदि के छिटे पड़ने की स्थिति में ही पानी से धो सकते हैं। इसके अलावा सामान्य रूप से आंखों को धोने और मसलने की आदत आंखों के लिए नुकसान है। डॉ. संतोष ने बताया कि आंखों के अंदर आंसू और तरल पदार्थ में कई पोषक तत्व होते हैं, जो आंखों के लिए फायदेमंद हैं। ऐसे में पानी से आंखों को बार-बार धोने से वह तत्व धुल जाते हैं। जो आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं।
यह समस्या
-देखने की क्षमता में कमी आना
-आंखों में खुजली, जलन
-देखते समय आंखें सिकोड़ना या छोटी करना
-आंखों में सूजन
-आंखों में तिरछापन आना
-आंखों में सफेद दाद, ड्राई आई
जानें चिकित्सक के बारे में
नाम : डा. संतोष सिंह पटेल
शिक्षा : एमबीबीएस, एमएस (रेटिना सर्जन) मेडिकल कालेज रायपुर
अनुभव : 16 वर्षों से चिकित्सा सेवा में सक्रिय।
पसंद : परिवार के साथ समय बिताना, प्रकृति से प्रेम।
उपलब्धि : 15,000 से अधिक आंखों का ट्रांसप्लांट, रेटिना, कार्निया सर्जरी, मोतियाबिंद, ट्रामा, कैंसर जैसे आंखों के ऑपरेशन।
हेलो डॉक्टर में पाठकों ने पूछे सवाल, चिकित्सक के जवाब
1. पांच महीने हो गए हैं, आंखें लाल हो जातीं हैं। - राजेश पवार, महासमुंद
जवाब - टीवी कम देखें, मोबाइल का प्रयोग भी जरूरत हो तभी करें। एक बार अपने चश्मे का नंबर दिखवाएं।
2. दायीं आंख में चमक आती है। सिर में भी दर्द रहता है। - अशोक बांगड़े, नारायणपुर
जवाब : आंख के पर्दे पर घाव लग रहा है। आपको पहले ही इसका इलाज करा लेना था। आंखें बार-बार न धोएं। रेटिना की जांच जल्द से जल्द कराएं।
3. मेरा बेटा 12 वर्ष का है, आंखों और सिर में दर्द की शिकायत पिछले छह महीने से आ रही है। - विनय कुमार, राजनांदगांव
जवाब : टीबी, मोबाइल का उपयोग कम कराएं। आउटडोर गेम शाम को खेलने के लिए कहें। राहत जरूर मिलेगी। एक बार आंखों की जांच भी करा सकते हैं।
4. मोतियाबिंद का आपरेशन हो चुका है। फिर भी कम दिखता है। - नरेंद्र साहू, रायपुर
जवाब- आपरेशन के बाद इस तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए। इस संबंध में डाक्टर से फिर जांच कराएं, तभी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
5- एक आंख से धुंधला दिखाई देता है। -धीरज कुमार, अमलीडीह
जवाब- यह समस्या रेटिना संबंधी हो सकती है। जांच के बाद दवाओं से राहत मिलेगी।
6. एक आंख से नहीं दिखता है और एक आंख से 25 फीसद दिखता है?- तुलसी रात्रे, रायपुर
जवाब- यह समस्या बचपन से आती है। पांच साल की उम्र के बाद आंखों की एक बार जांच जरूरी होती है। अधिक समय हो गया, इसलिए स्थिति थोड़ी गंभीर है। इलाज से रोशनी तो वापस आ जाएगी। लेकिन शत प्रतिशत रहे यह कह नहीं सकते हैं।
7- आंखों में हमेशा खुजली होती है। आंसू भी आते हैं। - कृष्ण कुमार गंजीर, बेमेतरा
जवाब- यह साबुन की एलर्जी लग रही है। नहाने के वक्त साबुन का पानी आंखों के अंदर जाने से बचाएं। आंखों को बार-बार पानी से न धोएं।
8. मोतियाबिंद के आपरेशन से खतरा कितना है, क्या आंखों की रोशनी लौट आएगी। - दिनेश वर्मा, बलौदाबाजार
जवाब - मोतियाबिंद के आपरेशन से खतरा न के बराबर है। इससे आंखों की रोशनी वापस आ जाती है। इलाज के दौरान चिकित्सक के परामर्श के अनुसार आपको परहेज और दवाओं को नियमित लेना होगा।