रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
पूजा-पाठ, आयुर्वेद से लेकर योग क्रियाओं तक संस्कृत भाषा का उपयोग किया गया है, इसलिए देवभाषा (संस्कृत) सिर्फ हिंदू धर्म के कर्मकांडों तक सीमित थी, लेकिन अब इसका स्वरूप बदल रहा है। सभी मंत्र डिजिटल रूप से विभिन्न एप के माध्यम से सुने जा सकते हैं, जबकि हिन्दू धर्म के अधिकांश ग्रंथ, पुराणों की रचना संस्कृत में होने से मान्यता यह थी कि यह कर्मकांड करने वाले पंडितों और आचार्यों की भाषा है। अब इसका दायरा पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है। ये बात हेलो नईदुनिया में मंगलवार को छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान संस्कृत विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति कब होगी, क्योंकि स्कूल में संस्कृत भाषा पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं। संस्कृत भाषा को हिंदी के टीचर पढ़ा रहे हैं, जिससे व्याकरण में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इस तरह के कई सवालों के जवाब उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से दिए और कुछ सुझाव भी दिए।
सवालः सरकार अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा दे रही है, संस्कृत स्कूल खस्ताहाल हैं। इसमें सुधार क्यो नहीं हो रहा है ?-नरेंद्र गोस्वामी, जगदलपुर
जवाबः देखिए अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाने के लिए जरूर अभिभावकों का ध्यान बढ़ा है, क्योंकि मौजूदा समय में अंग्रेजी की मांग है, लेकिन ऐसा नहीं है कि शासन का संस्कृत स्कूल की तरफ ध्यान नहीं है।
सवालः संस्कृत में एमए की पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली है, क्या करें?- रश्मि साहू, फाफाडीह
जवाबः संस्कृत में अध्ययन करने के बाद सिर्फ शासकीय नौकरी मिले, इस तरह की सोच खासकर संस्कृत भाषा में डिग्री ले चुके अभ्यर्थियों को मन से निकालनी होगी। संस्कृत में बहुत स्कोप है। स्कूलों में नौकरी करने के साथ ही अनुवाद, लेखन आदि क्षेत्रों में बेहतर मौके मिल सकते हैं।
सवाल : संस्कृत विद्या मंडलम की योजनाओं का क्यों प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है? - विवेक सिंह, समता कालोनी
जवाबः प्रदेश भर में 83 विभिन्ना स्तर के संस्कृत स्कूल संचालित हो रहे हैं। प्रचार-प्रसार विभागीय स्तर पर भाषा पखवाड़ा, संस्कृत प्रशिक्षण जैेसे माध्यम से किया जाता है।
सवालः साइंस विषय से ग्रेजुएट हूं, लेकिन संस्कृत भाषा को सीखना चाहता हूं। क्या कोई डिप्लोमा पाठयक्रम है? - राहुल, पुरानी बस्ती
जवाबः देखिए इसके लिए कई व्यावसायिक पाठ्यक्रम जल्द शुरू होने जा रहे हैं। इसके अलावा आप संस्कृत की कहानी, गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को लगातार पढ़ते रहे, जो काफी मददगार होगा।
सवालः संस्कृत विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति कब आएगी? - संगीता गुप्ता, रायपुर
जवाबः शासन के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करना शासन स्तर का कार्य है, जिसके लिए प्रक्रिया चल भी रही है। इसके अलावा संस्कृत विषय में शिक्षक की भर्ती संबंधी सूचना समाचार पत्रों में देखते रहें।
सवालः रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम चलाए जाने की क्या योजना है? - संजय जोशी, रायपुर
जवाब-आने वाले दिनों में पांडित्य, ज्योतिष पर एक वर्षीय, दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करेंगे। इसकी तैयारी चल रही है। शासन स्तर से इसकी स्वीकृति भी ली जाएगी।
सवालः -सर, शासकीय संस्कृत विद्यालय की संख्या कम क्यों है ?सुरेश गुप्ता,बलरामपुर
जवाब-प्रदेश में एक शासकीय संस्कृत विद्यालय है और बाकी निजी है। शासकीय संस्कृत कालेज बढ़ाने का निर्णय शासन स्तर पर होता है।
सवालः -संस्कृत को पीपी वन से ही बढ़ावा देने की कोई योजना है क्या? रजनी शर्मा,रायपुर
जवाब-आपका सुझाव काफी अच्छा है और इसकी योजना बनाई जाएगी। अभी फिलहाल तो आने वाले दिनों में पांडित्य,ज्योतिष व डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा।
सवालः -संस्कृत को आगे बढ़ाने की क्या योजना है? - चेतन दंडवते, रायपुर
जवाब-आने वाले दिनों में संस्कृत में व्यावसायिक कोर्स शुरू किए जाएंगे। जिसमें पुरोहित, प्रवचन पर डिप्लोमा कोर्स को प्राथमिकता दी जा रही है।
सवालः - कक्षा दसवीं की छात्रा हूं। प्रवेश लेना है क्या करूं? - दुर्गा पटेल,रायपुर
जवाब-कक्षा नवमी से ही संस्कृत में प्रवेश मिल सकता है। या फिर आप कक्षा 11वीं से प्रवेश ले सकती हैं।
मुख्य परीक्षा 15 मई को समाप्त
संस्कृत विद्यामंडल की मुख्य परीक्षा पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष कक्षा 9वीं और पूर्व मध्यमा द्वितीय 10वीं कक्षा की परीक्षा 15 अप्रैल से शुरू हो रही है। यह परीक्षा 28 अप्रैल को समाप्त होगी। वहीं उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष कक्षा 11वीं और उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष 12वीं कक्षा की परीक्षा 30 अप्रैल से प्रारंभ होकर 15 मई को समाप्त होगी।
कालेज से आचार्य की पढ़ाई
शासकीय संस्कृत महाविद्यालय रायपुर में बीए व एमए संस्कृत भाषा में पूर्व मध्यमा से आचार्य तक की पढ़ाई की जा सकती है। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम पूर्व मध्यमा या उत्तर मध्यमा में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं या 10वीं रहती है। उत्तर मध्यमा 11वीं के समकक्ष रहती है। 12वीं पास करने के बाद आप शास्त्री की पढ़ाई कर सकते हैं। किसी अन्य विषय में स्नातक होने पर मास्टर डिग्री संस्कृत में ली जा सकती है।
फैक्ट फाइल में
छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडलम में विद्यालयों की संख्या 83
-शासकीय संस्कृत विद्यालय 01
-स्कूल शिक्षा से अनुदान प्राप्त 08
-गैरअनुदान प्राप्त विद्यालय 74
-प्राथमिक स्तर, पूर्वमाध्यमिक स्तर
-उच्च माध्यमिक स्तर, उच्चतर माध्यमिक
-संस्कृत में व्यावसयिक पाठ्यक्रम
-पौरोहित्यम
-ज्योतिषशास्त्रम
-प्रवचन
-आयर्वेद
-योगदर्शनम