रायपुर। Home Delivery Of Alcohol: कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए लाकडाउन के दौरान शराब प्रेमियों की समस्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब की होम डिलीवरी तो शुरू कर दी, लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। अभी तक पांच दिन पहले के आर्डर की पूर्ति आबकारी विभाग नहीं कर पाया है।
होम डिलीवरी करने में नाकाम विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और निजी कंपनी के कर्मचारी अब आर्डर की पूर्ति करने ग्राहकों को शराब दुकान में बुला रहे है। इससे कारण स्टेशन रोड, कचना, कटोरा तालाब स्थित प्रीमियम शराब दुकानों में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। एेसे हालात में कोरोना संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ गया है।
पिछले सोमवार से आबकारी विभाग ने आनलाइन शराब की होम डिलीवरी की सुविधा शुरू की है लेकिन पहले दिन से अब तक यह व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा चुकी है। एक ही दिन में चार करोड़ से अधिक का आर्डर मिलने से विभाग का एप क्रैश हो गया था। बाद में किसी तरह उसे दुरूस्त कर लेने का दावा विभाग ने किया लेकिन अब तक पचास फीसद ग्राहकों के आर्डर पूरा नहीं किया जा सका है।
आनलाइन शराब का आर्डर देने वाले पैसे कट जाने से परेशान हैं। उन्हें न तो शराब मिली न पैसे वापस लौटाए गए। आनलाइन व्यवस्था ठप होने से परेशान विभागीय अधिकारी-कर्मचारी अब शराब प्रेमियों को दुकान बुलाकर उनके आर्डर के अनुसार शराब की बोतले दे रहे है।
शहर के चार प्रीमियम शराब दुकानों से शराब की होम डिलीवरी की जा रही है और इन्हीं दुकानों में अपने आर्डर का शराब लेने लोग सुबह से देर शाम तक पहुंच रहे है। शराब की होम डिलीवरी नहीं होने के चलते शराब दुकानों में उमड़ रही भीड़ के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने प्रदेश में जारी लाकडाउन के बीच 10 मई को शराब होम डिलीवरी की शुरूआत सीएसएमसीएल पोर्टल से की गई। पहले ही दिन एक लाख से ज्यादा लोगों की विजिट करने से सर्वर क्रैश हो गया।
बावजूद इसके पहले दिन चार करोड़ 32 लाख रुपए का ऑर्डर हुआ। लेकिन इतने लोगों तक डिलीवरी कर पाने में विभाग नाकाम साबित हुआ। ऑर्डर के बाद शराब घर नहीं पहुंचने पर लोग शराब दुकान के काउंटरों तक घर पहुंच रहे हैं, जहां से शराब की सप्लाई की जा रही है।
होम डिलीवरी यानि नशाबंदी लागू नहीं होगी- रिजवी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख और वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि कांग्रेस को सत्ता में बैठे लगभग ढाई वर्ष होने जा रहा है परंतु नशाबंदी का वादा दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ रहा है। अब तो शराब की होम डिलीवरी भी प्रारंभ हो चुकी है जो यह दर्शाता है कि पियक्कड़ों को घर बैठे शराब उपलब्ध करने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है।
यह सिद्ध करता है कि कांग्रेस सरकार में सत्ताधीशों से लेकर जनमानस भी आदतन शराबी बन चुके हैं। महुआ पीने के आदी रसूखदारों को अब ब्रांडेड कीमती शराब आसानी से घर बैठे उपलब्ध हो जाएगी। रसूखदारों की शराब पीने की रूचि बढ़ चुकी है तथा कोई भी अपनी आदत पर लात नहीं मारना चाहेगा। इसलिए शराबखोर बेफिक्र रहे अगले चुनाव तक तो नशाबंदी लागू होने से रही।
रिजवी ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि सन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में नशाबंदी का वादा फिर से किया जाऐगा कि नहीं। शराब की बेतहाशा आमदनी ने सरकार की आंखों पर पट्टी जो बांध रखी है। कांग्रेस का वादा केवल प्रदेश की जनता को भ्रमित कर वोट हासिल करने तक ही सीमित सिद्ध हुआ है।