रोड एक्सीडेंट होने पर कैसे करें प्राथमिक उपचार, एक्सपर्ट बोले- सबसे पहले इन तीन प्रक्रिया को अपनाएं
हर रोज सड़क हादसे की घटना सामने आ रही है। समय पर इलाज ना मिलने से लोगों की मौत हो जाती है। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विनय वर्मा ने बताया कि सड़क हादसे के बाद इस तीन प्रक्रिया को देखना चाहिए।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 01 Dec 2022 08:57:10 AM (IST)
Updated Date: Thu, 01 Dec 2022 08:57:10 AM (IST)

रायपुर। हर रोज सड़क हादसे की घटना सामने आ रही है। समय पर इलाज ना मिलने से लोगों की मौत हो जाती है। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विनय वर्मा ने बताया कि सड़क हादसे के बाद इस तीन प्रक्रिया को देखना चाहिए। पहला चेक आता है, जिसमें देखा जाता है कि मरीज ठीक है या नहीं, अच्छे से सांस ले रहा है या नहीं, सुरक्षित है या नहीं।
डॉक्टर विनय वर्मा ने लोगो को बेसिक लाइफ सपोर्ट में इस तरीके को आजमाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि देखें, कहीं आग तो नहीं लगने वाली, पेट्रोल लीकेज तो नहीं, शॉर्ट सर्किट की समस्या तो नहीं, यदि हो रही है तो तमाम घायलों को उस स्थान से दूसरी स्थान पर ले जाएं देखें कि मरीज का खून तो नहीं निकल रहा है। इसके लिए आपको उस जगह पर साफ कपड़े को लपेट देना चाहिए। ताकि ब्लीडिंग बंद हो।
डॉक्टर विनय ने बताया कि मरीज के अंगों को देखें, कहीं कोई हड्डी तो नहीं टूटl आपको मरीज से बात करते रहना होगा, यदि वो बात कर रहा है तो ठीक है। अब आप देखें कि कहीं उसका हाथ-पैर तो नहीं टूट गया। यदि नहीं टूटा तो ठीक, यदि टूट गया तो उसके बाद आपको खास सावधानी बरतनी होगी। यदि मरीज का पैर टूटा है तो इसके लिए आपको आसपास कहीं से लकड़ी, कार्डबोर्ड को रोल करके, अखबार का बंडल, फट्टे आदि खोजना होगा, उसे पैर के नीचे रस्सी से बांध दें, ताकि पैर सीधा रहे और हिले नहीं।
इसी प्रकार यदि हाथ टूट गया है तो हाथ को सीधा रखने के लिए लकड़ी को हाथ के नीचे सपोर्ट देकर उसे रस्सी से बांधा चाहिए। ध्यान रहे कि इतना कस के रस्सी न बांध दें जिससे कि हाथ का ब्लड सर्कुलेशन ही रुक जाए। घायल व्यक्ति के पास जाकर बात करें.एक हाथ कंधे पर रखकर सवाल करें आप ठीक हैं या नहीं, गर्दन न पकड़ें, क्योंकि हादसे में गर्दन के चोटिल होने की संभावना अधिक होती है
डॉक्टर विनय वर्मा ने बताया यदि मरीज जवाब नहीं दे रहा है तो एंबुलेंस व जान परिचित को फोन करें मरीज की नाड़ी की जांच करें, इसके लिए गर्दन के नीचे दाएं तरफ दो अंगुली रखकर आठ से 10 सेकेंड तक देखें कि मरीज की सांस चल रही है या नहीं। यदि पल्स न मिलें तो सीपीआर दें आप हाथ के निचले भाग को छाती को बीचोंबीच रखकर दूसरे हाथ से लाक करेंगे। आप अपने कंधों से प्रेशर लगाएंगे, इस प्रक्रिया को चेस्ट कंप्रेशन भी कहा जाता है।
आप तीस बार दबाव 18 से 30 सेकेंड तक ही दें
डॉक्टर विनय वर्मा ने बताया यदि आप कंधों से इसे सही तरीके से कर रहे हैं तो आप थकेंगे नहीं बावजूद सांस न आएं तो मरीज को दें सांस, इसके लिए मरीज की थुड्डी को ऊपर उठाएं और आप खुद सांस भरकर मरीज को सांस दें, दो लंबी सांस दें। ऊपर बताई गई तमाम बातें पहले सेट में आती हैं... इसे पूरा करने के बाद फिर मरीज की पल्स चेक करें और फिर इसी क्रम को दोहराएं अब आप करीब 100 बार चेस्ट कंप्रेशन करें, इस प्रक्रिया को तब तक करें जब तक मरीज अस्पताल नहीं पहुंच जाता।