रायपुर। ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही उनके खोए या छूटे सामान को उन तक पहुंचाने का काम रेलवे सुरक्षा बल के जवान कर रहे हैं। यहीं नहीं, छूटे बच्चों को भी स्वजन तक पहुंचा रहे हैं। ट्रेन में दो बच्चे सवार हो गए थे, लेकिन माता-पिता के सवार होने से पहले ट्रेन छूट गई। इसकी जानकारी मिलने पर सुरक्षा बल के जवानों ने दोनों बच्चों को गोंदिया स्टेशन में सही सलामत उतार कर स्वजन को सौंपा।
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बताया कि आपरेशन अमानत और नन्हे फरिश्ते के तहत आए दिन एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों के छूटे सामान को लैटाया जा रहा है। वहीं घर से स्वजन को बताए बिना ट्रेन में सवार किशोरों को तलाशने का काम किया जा रहा है।
इसी कड़ी में 22 मार्च को रायपुर स्टेशन के प्लेटफार्म ड्यूटी पर तैनात महिला आरक्षक मयूरी सोनी को ट्रेन नंबर 18517 कोरबा-विशाखपट्नम एक्सप्रेस के आने का इंतजार कर रहे एक यात्री ने सूचना दी कि चार्जिंग पाइंट पर लगा उनका मोबाइल गायब है।
महिला आरक्षक ने वहां लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले इस बीच फल बेचने वाले वेंडर ने लावारिस हालत में मोबाइल को पाकर सीआरपीएफ, आरटीओ को सौंपा। महिला आरक्षक ने इसकी जानकारी मिलने पर वहां से चार्जर समेत मोबाइल को रेलवे सुरक्षा पोस्ट लाकर मोबाइल में दिए गए यात्री की पत्नी के नंबर पर काल करके सूचना दी। इसके बाद यात्री ने पोस्ट में आकर अपना परिचय दिया और मोबाइल प्राप्त किया।
केस वन
दुर्ग-अबिंकापुर एक्सप्रेस के एस-आठ बर्थ नंबर 59 में एक यात्री का मेडिकल दस्तावेज छूट गया था। सूचना मिलने पर प्रधान आरक्षक एमआर कलमकर ने ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही कोच से उक्त दस्तावेज हासिल कर यात्री को इसकी जानकारी दी। यात्री ने सहायक उपनिरीक्षक एलएन सिंह से मेडिकल दस्तावेज प्राप्त किया।
केस टू
यात्री राजकुमार जोशी ने बताया कि ट्रेन नंबर 22845 पुणे-हटिया एक्सप्रेस के दुर्ग स्टेशन पहुंचने पर उन्होंने अपने दोनों बच्चों को एस टू कोच में पहले चढ़ाकर सामान रख रहे थे। इसी समय ट्रेन छूटने लगी। जल्दबाजी में वे ट्रेन में सवार होने की कोशिश कर रहे थे, तभी पैर फिसला और वे प्लेटफार्म पर गिर गए। किसी तरह पत्नी ने उन्हें संभाला। तब तक ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी थी। ट्रेन में दोनों बच्चों के जाने से वे काफी घबरा गए। इसकी जानकारी वहां मौजूद उपनिरीक्षक एस थानापति को दी। उपनिरीक्षक ने तत्काल रेलवे सुरक्षा पोस्ट गोंदिया को यह जानकारी दी। इसके बाद जवानों ने दोनों बच्चों को सही सलामत ट्रेन से उतारकर उनके स्वजन को सौंपा।