रायपुर। राजधानी रायपुर में कोतवाली पुलिस ने इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक के 54 करोड़ रुपये के घोटाले में सोमवार को मैनेजर उमेश सिन्हा से 10 घंटे तक पूछताछ की गई। थाने में उमेश से कोतवाली थाना प्रभारी के अलावा एसआइ रैंक अधिकारियों ने पूछताछ की। 50 से ज्यादा सवाल किए गए। कई सवालों के जवाब संतोष जनक नहीं रहे। मंगलवार को पूछताछ के लिए फिर बुलाया गया है। पूछताछ में उमेश द्वारा पूर्व में दिए गए बयान के साथ उस समय की जांच में छूटे अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की गई।
पुलिस ने उमेश से बैंक में जमा रकम और बंद करने की वजह पूछी। इसके बाद प्रापर्टी को लेकर पूछताछ की गई। उमेश सिंहा ने बैंक मैनेजर के पद में रहते हुए और उसके पहले की प्रापर्टी के बारे में पूछताछ की गई। इसके अलावा रकम का गबन कहां-कहां किया गया। किसे कितने पैसे दिए गए। वहीं यह भी पूछा गया कि उसने कार्यकाल के दौरान कितने लोगों को लोन दिया, इस संबंध में पूछताछ की। पुलिस ने लोन लेने वालों से बैंक में सिक्यूरिटी के तौर पर क्या दिया था और कितने लोगों ने लोन की राशि अदा की, लोन की राशि अदा करने वालों ने कब-कब ब्याज की राशि अदा की है इस संबंध में पूछताछ की।
16 फर्मों को दिए गए लोन की जानकारी जुटा रही पुलिस :
- जांच में पाया की इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक से 16 फर्मों को राशि दी गई है। राशि लेने वालों में से कितन लोगों ने लोन की राशि जमा की है, कितने ने नहीं इस ओर भी जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार 6-7 फर्म अब भी संचालित हैं। वहीं अन्य की जांच की जा रही है। पुलिस इसके बारे में अन्य आरोपितों से पूछताछ करेगी।
फर्म के संचालकों से पूछताछ:
- पुलिस अब छह से सात फर्म संचालकों से पूछताछ करेगी। पुलिस ने जानकारी जुटाई है कि किस फर्म को कितना पैसा दिया गया है। इसके पीछे का मास्टर माइंड कौन है।
कोतवाली थाना प्रभारी विनीत दुबे ने बताया कि बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। कई सवाल किए गए हैं। फिर से बुलाया गया है। कई सवालों के जवाब अभी जानने हैं।