राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में रोबोटिक्स, एडवांस सीएनसी मशीनिंग जैसे आधुनिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण देने की योजना पर ब्रेक लग गया है। सरकार ने आईटीआई संस्थानों को उन्नयन करने वाले टाटा टेक्नोलाजीस के साथ हुए एमओयू (समझौता ज्ञापन) को निरस्त कर दिया है।
बता दें कि ये एमओयू पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुआ था। राज्य के लगभग सभी आईटीआई केंद्र 40 से 50 साल से पुरानी मशीनों और संसाधनों से ही प्रशिक्षण दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में जब तकनीकी शिक्षा को आधुनिक बनाने की आवश्यकता है, सरकार ने आईटीआई उन्नयन के एक महत्त्वाकांक्षी एमओयू को ही निरस्त कर दिया। ऐसे में युवा अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण लेने से वंचित हो जाएंगे।
टाटा टेक्नोलाजीस लिमिटेड के साथ जो एमओयू हुआ था, वह विद्यार्थियों के हित में था। इसके तहत 36 शासकीय आईटीआई संस्थानों को आधुनिक मशीनों और प्रशिक्षण से लैस किया जाना था।
अनुमानित 1,188.36 करोड़ की इस योजना के माध्यम से युवाओं को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देने और उन्हें बड़े उद्योगों में प्लेसमेंट दिलाने का दावा था। इस राशि का व्यवस्था टाटा टेक्नोलाजीस लिमिटेड ने ही करने के लिए प्रस्ताव दिया था। ऐसे में राज्य सरकार को इसमें किसी तरह का अतिरिक्त बजट भार भी नहीं आता।
प्रदेश के 200 से अधिक आईटीआई में से बैकुंठपुर, वाड्रफनगर, मैनपाट, बगीचा, कोरबा, अकलतरा, हसौद, राजनांदगांव, पाटन, अभनपुर, कांकेर, नगरनार, दंतेवाड़ा समेत 36 संस्थानों का तीन चरण में उन्नयन प्रस्तावित था।
तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन ने बताया कि कुछ तकनीकी वजहों से एमओयू रद्द किया गया है। आईटीआई के सुधार के लिए जल्द ही प्रस्ताव बनाया जाएगा।
विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि जब राज्य में तकनीकी संस्थान संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं, तब इस तरह की योजना को रद्द करना क्या युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है? अब देखना यह होगा कि सरकार इन संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए कोई नया विकल्प लाती है या फिर पुरानी मशीनों से ही युवाओं को ‘तकनीकी’ भविष्य के लिए तैयार करने का दावा करती है।
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एक वर्षीय ट्रेड: आर्टिजन यूजिंग एडवांस टूल
इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स एंड डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नीशियन
मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड आटोमेशन दो वर्षीय ट्रेड
एडवांस सीएनसी मशीनिंग
बेसिक डिज़ाइनर एंड वर्चुअल वेरिफायर (मैकेनिकल)
मैकेनिक इलेक्ट्रिक वीकल
शासकीय आईटीआई संस्थान बैकुंठपुर, ओड़गी वाड्रफनगर, मैनपाट, बगीचा, लोरमी, कोनी- बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, अकलतरा, हसौद, रायगढ़, खरसिया, राजनांदगांव, डोंगरगांव समेत अन्य शामिल थे।
वहीं इस निरस्तीकरण को लेकर तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार के पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि टाटा टेक्नोलाजीस के साथ हमारी सरकार के दौरान एमओयू हुआ था, उससे आईटीआई केंद्रों की हालत सुधर जाती। इसमें कंपनी ने 1,188.36 करोड़ रुपये स्वयं खर्च करने का अनुबंध किया था। सरकार को कोई अतिरिक्त भार नहीं आता। कंपनी युवाओं को प्लेसमेंट भी कराती। किसी दूसरी सरकार में हुए अनुबंध के चलते एमओयू निरस्त करना समझ से परे है।
वर्तमान मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने आईटीआई के लिए केवल एमओयू किया था, कोई काम नहीं किया। आईटीआई केंद्रों के लिए सरकार कार्ययोजना बना रही है। किन कारणों से एमओयू निरस्त हुआ, अभी इसे कंफर्म करेंगे, तभी कुछ कहेंगे।