रायपुर (निप्र)। पीलिया के बढ़ते मरीज और मरीजों पर पड़ता इलाज का बोझ, घर-गहने तक बेचने को मजबूर कर रहा है। सवाल जिंदगी बचाने का है, इसलिए परिजन अपनों को बचाने के लिए सबकुछ दांव पर लगा रहे हैं। शासकीय अस्पतालों में इलाज निःशुल्क है, लेकिन लोगों का भरोसा निजी अस्पतालों पर ज्यादा है। इसलिए लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। मगर निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च लाखों में है। कुछ समय पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की रायपुर इकाई ने निजी अस्पताल संचालकों से अपील की थी कि वे पीलिया पीड़ित मरीजों की रियायती दरों में इलाज करें, लेकिन कुछ अस्पताल संचालकों ने इसका विरोध किया कि अगर इलाज में छूट देंगे तो कमाइंगे क्या?
लेकिन अब शहर के एक निजी अस्पताल ने पहल की है। अस्पताल संचालक ने निर्णय लिया है कि वे मरीज से किसी भी तरह का इलाज का खर्च नहीं लेंगे। आईसीयू, वेंटीलेटर, सीटी स्कैन और तमाम जांच पूरी तरह से निःशुल्क की जाएंगी। सिर्फ मरीज के परिजनों को दवाइयां खरीदनी होंगी। पंडरी स्थिति श्री नारायणा अस्पताल के संचालक डॉ. सुनील खेमका ने 'नईदुनिया' से बातचीत में कहा कि यह निर्णय बेहद जरूरी था, क्योंकि पीलिया एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। और प्रभावित लोगों में निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार अधिक हैं। जो लाखों रुपए इलाज का खर्च नहीं उठा सकते। ऐसे पीलिया पीड़ित, हेपेटाइटिस-ई मरीजों का हम निःशुल्क उपचार देंगे। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल पर करीब 20-30 लाख का खर्च आएगा, लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है मरीजों की मदद करना। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में अभी 7 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सबका इलाज निःशुल्क किया जा रहा है।
सुयश अस्पताल ने नहीं लिए 56 हजार रुपए-
डीडीनगर निवासी कमल कासवानी, कोटा स्थित सुयश हॉस्पिटल में भर्ती थे। अस्पताल और दवा का खर्च 2 लाख 70 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया था। 'नईदुनिया' ने 6 मई के अंक में खबर प्रकाशित कर बताया था कि इलाज के खर्च के लिए मरीज के परिवार को गहने तक बेचने पड़ गए थे। इलाज के और खर्च के लिए वे अपना मकान बेचने की तैयारी में थे। इस खबर के प्रकाशन के बाद अस्पताल ने इलाज का लगभग 56 हजार रुपए नहीं लिया है। यह जानकारी मरीज की पत्नी रश्मि कासवानी ने दी है। उन्होंने बताया कि उनके पति को बुधवार रात डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। इसके अलावा इस परिवार की मदद के लिए भानुप्रतापपुर के एक आयुर्वेदिक डॉक्टर ने भी मदद की पेशकश की है।