रायपुर। Smart City 2020: राजधानी रायपुर का कायाकल्प हो रहा है। स्मार्ट रायपुर को सालों बाद आधुनिकतम सुविधाओं वाला जवाहर बाजार मिल गया है। मालवीय रोड पर स्थित इस बाजार का इतिहास पुराना है। अंग्रेजों के जमाने में यहां जमींदार कर जमा करने और जमीन से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए आते थ्ो। आसपास के राजा, जमींदार, पटेल और महाजनों को समय पर काम नहीं होने के कारण कभी-कभार यहां रुकना भी पड़ता था, इसलिए यहां एक बड़ा-सा बाड़ा भी बनाया गया था। जवाहर बाजार के ब्रिटिशकालीन गेट का सुंदरीकरण किया गया है जो आकर्षक लग रहा है। अब यह स्मार्ट सिटी का अभिन्न् अंग बन चुका है। इस बाजार को बनाने के लिए राज्य सरकार ने करीब 23 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कारोबारियों के मुताबिक यहां बना भव्य चार मंजिला बाजार न सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से, बल्कि शहर को सुंदर और आकर्षक बनाने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां बने भव्य कार्यालय, हाल में ऐसा लगता है कि यह सरकारी अफसरों के बैठने के लिए भवन है। यहां डेढ़ सौ से अधिक वाहनों की पार्किंग आसानी से की जा सकती है।
यह है ऐतिहासिक वैभव
जवाहर बाजार का इतिहास लगभग 111 साल पुराना है। 1909 में यहां फिलिप्स बाजार लगता था। रायपुर डिस्ट्रिक्ट गजेटियर में इस बात का जिक्र है । इतिहासकार डा एलएस निगम बताते हैं कि जवाहर बाजार का पुराना नाम फिलिप्स मार्केट रहा है। 1940 में सारंगढ़ के राजा जवाहर सिंह ने फिलिप्स बाजार को बाड़े के रूप में विकसित कराया था। इसलिए इसका नाम जवाहर बाजार पड़ गया था। दिलचस्प बात यह है कि यहां अभी बिजली बिल फिलिप्स मार्केट के नाम से आता है।
बदलाव से पहले जवाहर बाजार
अंग्रेजों के जमाने में यहां सरकारी अधिकारी-कर्मचारी आते थे
लोग फल-सब्जियां खरीदने के लिए आते थे
लगती थीं छोटी-छोटी दुकानें
शहर का सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाला बाजार
बदलाव के बाद
स्मार्ट सिटी और नगर निगम ने बनाया चार मंजिला कामर्शियल कांप्लेक्स
भूतल में 76 दुकानें, प्रथम मंजिल में 76, द्वितीय में 10 हाल और तृतीय में 10 हाल
बेसमेंट, अपर बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग
पार्किंग होने से यातायात सुगम होगा
कपड़ा, किराना, दवाई सभी तरह की दुकानें होंगी
वर्जन
ब्रिटिशकालीन गेट का सुंदरीकरण करने के बाद यह आकर्षक बाजार हो गया है। पहले की तुलना में यहां सुविधाएं भी बढ़ गई हैं। - आरके डोंगरे, प्रोजेक्ट अधिकारी, नगर निगम रायपुर