रायपुर। Spiritual News: द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य ज्योतिर्मठ उत्तराखंड के कार्यकारी शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज 16 फरवरी से छत्तीसगढ़ प्रवास पर पधारे हुए हैं। मसन्द सेवाश्रम रायपुर के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब बुधवार को शंकराचार्य के साथ बेमेतरा जिले में प्रवास पर हैं। साईं मसन्द साहिब द्वारा भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के संबंध में बनाई गई कार्य योजना के अंतर्गत उनका भारत के चारों शंकराचार्यों से बड़ा आत्मीय सम्बंध है।
गौरतलब है कि राजधानी के मसंद सेवाश्रम के पीठाधीश्वर साईं जलकुमार मसंद पिछले कई सालों से भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने का अभियान चला रहे हैं। वे द्वारका पीठ, पुरी पीठ के शंकराचार्य समेत देश के अनेक साधु, संतों से मिलकर चर्चा कर चुके हैं। इनकी योजना में राजनीति में धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को रुचि लेने और देश की प्रगति में साधु संतों का योगदान दिलाना है।
वे हर साल अलग अलग शहरों में आश्रम प्रमुखों, संतों से भेंट करके समर्थन हासिल कर चुके हैं। इसी सिलसिले में वे इन दिनों बेमेतरा में पधारे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के साथ भ्रमण कर रहे हैं।
शिवलिंग का निर्माण प्रगति पर
बेमेतरा जिले के ग्राम सलधा में करोड़ों रुपयों की लागत से बनने वाले एक लाख पच्चीस हजार शिवलिंग वाले विश्व के ऐतिहासिक मंदिर शिवगंगा आश्रम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शिवनाथ नदी के किनारे स्थित इस मंदिर का स्थल चयन एवं भूमिपूजन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज ने किया है।
इस अवसर पर शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रमुख ब्रह्मचारी डॉ. इन्दुभवानन्द महाराज, शिवगंगा आश्रम के प्रभारी ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद, बेमेतरा के विधायक आशीष छाबड़ा एवं स्वामीश्री के प्रमुख शिष्य एवं क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक साथ रहे।