राज्य ब्यूरो, रायपुर। Kanker Lok Sabha Chunav 2024: राजनीति में चुनाव के दौरान हर तरह के दांव पेच खेले जाते हैं। इसमें से एक दांव एक ही नाम से मिलते-जुलते प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का भी है। हमनाम वाले प्रत्याशी भले ही चुनाव न जीत सके, लेकिन वोट काटने में माहिर होते हैं। इस वजह से कई बार तगड़े प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ता है। इसके कारण जीतने वाले प्रत्याशी के वोटों में कमी आती है और चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होते हैं।
कांकेर लोकसभा के चुनावी मैदान में नौ प्रत्याशी हैं, जिसमें दो भोजराज है। एक भोजराज भाजपा के प्रत्याशी हैं, वहीं दूसरे भोजराज निर्दलीय हैं। यहां हमेशा भाजपा-कांग्रेस में मुकाबला रहता है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के मोहन मंडावी और कांग्रेस के बीरेश ठाकुर आमने-सामने थे। भाजपा प्रत्याशी मंडावी को महज 6,914 वोटाें से जीत मिली थी।
लोकसभा चुनाव-2024 में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग के सामने बीरेश ठाकुर ही ताल ठोंक रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी को इस बात की चिंता सताने लगी है कि हमनाम प्रत्याशी भोजराज मंडावी की वजह से नुकसान न उठाना पड़े। कांकेर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद चुनाव चिन्ह बांट दिए गए हैं। यहां पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी जोरशोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजित जोगी ने लोकसभा चुनाव-2014 में ऐसा दांव चला था कि हर कोई हक्का बक्का रह गया था। उनके मुकाबले भाजपा की तरफ से चंदू लाल साहू प्रत्याशी थे। इन चंदू लाल को पटखनी देने के लिए चंदू नाम के 10 निर्दलीय प्रत्याशी खड़े कर दिए थे। इसमें सात प्रत्याशी चंदू लाल साहू तथा तीन के नाम चंदू राम साहू थे। हालांकि, अजीत जोगी की होशियारी लोगों के सामने अंततः धरी रह गई। इन सभी प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 67,208 वोट मिले थे। कांग्रेस के अजित जोगी भाजपा के चंदूलाल साहू से करीब एक हजार वोटों से चुनाव हार गए थे।