कांग्रेस कृषि संकट, बेरोजगारी, गरीबी और अनियंत्रित महंगाई को राष्ट्रीय राजनीतिक विमर्श के केंद्र में रखेगी। हम कृषि से परे मानव विकास के बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए भविष्य की योजना तैयार करने का संकल्प लेते हैं। किसानोें की आय बढ़ाने केलिए स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा। कांग्रेस ने खेती बचाओ, किसान और खेत मजदूर बचाओ का नारा दिया।
हुड्डा ने कहा कि मानव-पशु संघर्ष कृषक समुदायों के लिए एक जानलेवा समस्या बन गई है। हम आवारा और जंगली जानवरों से फसलों और किसानों के जीवन की रक्षा के लिए कदम उठाएंगे। इस खतरे को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नीति का अनुकरण करते हुए एक राष्ट्रव्यापी नीति बनाई जाएगी। कर्ज में डूबे किसानोें को बचाने के लिए कर्जमाफी योजना शुरू की जाएगी। कांग्रेस एक राष्ट्रीय किसान ऋण राहत आयोग बनाएगी, जिसमेें कर्ज संबंधी शिकायतों को हल करने के तरीके सुझाए जाएंगे। इसमें कर्ज वसूली केलिए किसानों पर आपराधिक कार्रवाई और भूमि नीलामी को अलग किया जाएगा।
हुड्डा ने कहा कि किसानों को तत्काल राहत देने के लिए छह लाख रुपये तक की कर्जमाफी की जाएगी। किसानोें को बिचौलियोें से बचाने केलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा। छत्त्तीसगढ़ सरकार ने लघुवनोपज के एमएसपी तय किए हैं, इसे देश में लागू किया जाएगा। एमएसपी किसानों का कानूनी अधिकार होना चाहिए। एमएसपी से कम कीमत पर कृषि उपज की खरीद को दंडनीय अपराध बनाया जाएगा। एमएसपी व्यवस्था को बागवानी, अदरक, लहसुन, हल्दी, मिर्च जैसी बिना बीमा वाली फसलों के लिए विस्तारित किया जाएगा।
यह है छत्त्तीसगढ़ की न्याय योजना
भूपेेंद्र हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा, पीएम-किसान, पीएम-फसल बीमा योजना के बजट में कटौती कर दी है। भोजन, उर्वरक, पेट्रोलियम सब्सिडी को भी कम कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना शुरू की है, जिसके तहत सरकार प्रति एकड़ 10 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है। कांग्रेस देश भर के सभी किसानों के लिए राजीव गांधी न्याय योजना का विस्तार करने का संकल्प लेती है।
फसल नुकसान का अधिकार मिलेगा सरकार को
हुड्डा ने कहा कि संपूर्ण कृषि क्षेत्र को बीमा के दायरे में लाया जाएगा। योजना का संचालन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां जैसे कृषि बीमा कंपनी आफ इंडिया करेगी, जो नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर प्रीमियम वसूलेगी। बीमा कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए एक रिवाल्विंग फंड बनाया जाएगा। कर्जदार किसानों के खातों से सरकार द्वारा काटे जा रहे बीमा प्रीमियम को तत्काल बंद किया जाएगा।
फसलों के नुकसान का आकलन सरकार द्वारा किया जाएगा न कि बीमा कंपनियों द्वारा, जिससे पर्याप्त और सही समय पर मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित होगा। कांग्रेस नवाचार, अनुकूलन, अनुसंधान, ग्रीन-हाउस उत्सर्जन को कम करने, फसल भूमि प्रबंधन, कृषि-वानिकी पशुधन, जैविक खेती और मिट्टी के स्वास्थ्य को संरक्षित करके कृषि को टिकाऊ और उत्पादक बनाने के लिए एक एकीकृत जलवायु कृषि नीति तैयार करेगी।
यह है कृषि प्रस्ताव में खास
-कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि जीडीपी का एक प्रतिशत अनुसंधान और विकास पर खर्च किया जाएगा।
-5 एकड़ तक भूमि वाले सभी किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये का प्रत्यक्ष निवेश समर्थन देंगे।
-किसानों और कृषि श्रमिकों के बच्चों के लिए नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर बनाएंगे किसान माडल स्कूल।
-विशेष और अलग कृषि बजट पेश करेंगे। साथ ही एक राष्ट्रीय किसान कल्याण कोष बनाएंगे।
-किसानों, खेत मजदूरों और काश्तकारों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पहचान पत्र देंगे।
-छोटे और सीमांत किसानों और खेतिहर मजदूरों को मामूली प्रीमियम पर 10 लाख तक का जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा देंगे।
-एफपीओ को सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत किया जाएगा और ग्रामीण युवाओं को गांवों में स्वरोजगार प्रदान किया जाएगा।