मांग की तुलना में केंद्र से छत्तीसगढ़ को खाद की कम आपूर्ति, अप्रैल और मई में छत्तीसगढ़ को एक लाख 9 हजार मेट्रिक टन यूरिया की कम मिला
यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Fri, 10 Jun 2022 02:45:13 PM (IST)
Updated Date: Fri, 10 Jun 2022 02:45:13 PM (IST)

रायपुर। खरीफ के लिए राज्य में खादों की मांग की तुलना में केंद्र से हो रही कम आपूर्ति को देखते हुए राज्य शासन द्वारा सभी जरूरी तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अग्रिम उठाव करवाने, पोस मशीनों में नियमित एंट्री करवाने तथा प्राप्त उर्वरक के तेजी से भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था की जा रही है। उर्वरकों के रेल के माध्यम से प्राप्त होने वाले रैक के लिए भी आवश्यक समन्वय किया जा रहा है।
खरीफ 2022 के लिए कुल 13.70 लाख टन का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। इसमें से यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 03 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपरफास्फेट 2.30 लाख टन है। माह अप्रैल एवं मई 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
राज्य में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने का दायित्व केंद्र सरकार का
यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 62 प्रतिशत है। राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। आगामी दिनों में केंद्र से समय पर उर्वरक न मिलने पर इनकी कमी हो सकती है। यूरिया के अतिरिक्त अन्य सभी उर्वरक अधिकांशतः आयतित सामग्री पर आधारित हैं, इसलिए राज्य में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने का दायित्व केंद्र सरकार का है।