
रायपुर। Crime News: लॉकडाउन में शहर में बड़े अपराध के बजाय शराब तस्करी, जुआ-सट्टा जैसे अपराध ज्यादा हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। इसके अलावा सूने मकान और दुकानों में चोरी की वारदात हो रही हैं। इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा औद्योगिक और स्लम इलाकों में हो रही है। आमतौर पर इन इलाकों में पुलिस की गश्त न होने के कारण अपराधी बेखौफ होकर वारदात कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने शराब तस्करी के 25 से अधिक मामले पकड़े हैं। इनमें देशी शराब और दूसरे राज्यों के शराब के मामले अधिक हैं।
लॉकडाउन के बीच शराब तस्कर, सटोरिए गली-मोहल्लों में सक्रिय होकर अपनी जेबे भर रहे हैं। लगातार शिकायत सामने आने पर रायपुर पुलिस ने धरपकड़ अभियान शुरू किया। अब तक 40 से अधिक लोगों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है। शहर के टिकरापारा, गोलबाजार, आजादचौक, पुरानी बस्ती, डीडीनगर,गंज, उरला, खमतराई, विधानसभा, कबीरनगर आदि क्षेत्र में सटोरिए और शराब तस्कर धड़ल्ले से अपना कारोबार कर रहे हैं।
हालांकि, कुछ जुआरी और सटोरिए पकड़े भी गए है, लेकिन बड़े खिलाड़ी अब भी गिरफ्त से दूर है। उरला और खमतराई का अधिकांश इलाका औद्योगिक होने के कारण बड़ी संख्या में यहां दूसरे राज्य के मजदूर आते हैं। इस कारण मादक पदार्थों की तस्करी, जुआ-सट्टा, लोहा चोरी जैसी अपराधिक घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।
शहरी आबादी में भी पहुंचा महुआ
गंज, माना, तेलीबांधा और राजेंद्रनगर जैसी शहरी इलाके में भी महुआ शराब की बिक्री हो रही है। सप्ताह भर पहले गंज और राजेंद्रनगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शराब तस्करों को पकड़ा था। उनके पास महुआ की शराब और ओडिशा का पाउच वाला देशी शराब मिला था। आमतौर पर ग्रामीण इलाके में महुआ शराब की बिक्री होती है।
धरपकड़ अभियान से बढ़ा दबाव
एएसपी सिटी लखन पटले ने बताया कि लाकडाउन में शराब तस्करी और जुआ-सट्टा को लेकर पुलिस ने धरपकड़ अभियान शुरू कर दिया है। शिकायत मिलने के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। आउटर के थानों को शराब तस्करी रोकने कहा गया है। जुआरियों-सटोरियों के खिलाफ अपराध भी दर्ज किया जा रहा है। इससे तस्करों पर दबाव बढ़ा है।