पूरा देश जब कोरोना की चुनौती से लड़ रहा था तब महादेव एप घर बैठे लोगों के बीच तेजी से विस्तारित होता रहा। पुलिस ने मार्च 2021 में महादेव बुक के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत पहली कार्रवाई की। मामूली धाराएं होने के कारण आरोपितों को कोर्ट से ही जमानत मिल गई। इसी दौरान मुख्य सरगना सौरभ और रवि के नाम सामने आए। उक्त दोनों पहले दोपहिया वाहनों टायर पंचर ठीक करने और जूस सेंटर की दुकानों का संचालन करते थे।
महादेव आनलाइन सट्टा गेमिंग एप का दुबई से चल रहा है। चार वर्ष में देशभर में यह फैल गया। दुर्ग-भिलाई के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसके संचालक हैं। पुलिस ने 2021 में महादेव बुक वालों पर पहली बार कार्रवाई की थी। इसमें मुख्य सरगना सौरभ और रवि के नाम सामने आए थे।
इसके बाद पुलिस ने कई ब्रांच को ध्वस्त की है। जानकारी के अनुसार दो हजार ब्रांच देशभर में संचालित थी। अब कार्रवाई के बाद 700 चल रही हैं। बड़े खिलाडि़यों तक पुलिस अब तक कार्रवाई नहीं कर सकी है। वहीं रवि और सौरभ के विरुद्ध रायपुर और दुर्ग पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है।
रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई। एक हजार से ज्यादा सटोरियों को और आइडी लेकर संचालन करने वालों को गिरफ्तार किया गया। रायपुर से 200 और दुर्ग-भिलाई से 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। करोड़ों के लेनदेन के चलते अब ईडी ने जांच शुरू कर दी है। इसमें कई बड़े नाम सामने आए हैं। ईडी ने 2022 में पहली एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद अब कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच के क्रम में पुलिस ने इनकी दो हजार से ज्यादा शाखाओं का राजफाश किया और लगभग 1300 शाखाएं बंद करा दी। एप के बड़े खिलाडि़यों तक पहुंचने में पुलिस को अबतक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं, रवि और सौरभ के विरुद्ध रायपुर और दुर्ग पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है।
इधर रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर में कार्रवाई के दौरान एक हजार से ज्यादा सटोरियों और आइडी संचालकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें रायपुर के 200 और दुर्ग-भिलाई के 300 से ज्यादा आरोपित शामिल हैं। हवाला के माध्यम से करोड़ों के लेनदेन की जानकारी के बाद ईडी ने अक्टूबर 2022 में मामले की जांच शुरू कर दी।
100 रुपये से शुरू होती है ID
हैदराबाद से ट्रेनिंग लेकर लौटने के बाद दोनों ने पहले दुर्ग और भिलाई में ही अवैध कारोबार शुरू किया। 100 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक में आइडी बेची। दुबई (यूएई) जाने के बाद आनलान गेमिंग के धंधे को संचालित करने के लिए देश के प्रमुख शहरों में शाखाएं खोलीं। छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के साथ-साथ पुणे, विशाखापट्टनम, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, नागपुर और भुवनेश्वर में शाखाएं संचालित है। शाखाओं की वेबसाइट से सट्टेबाजों को आनलाइन सट्टा के लिए 10 से 15 लाख रुपये में आइडी उपलब्ध कराकर धंधा संचालित किया जा रहा है।
सट्टे के खिलाफ लाना पड़ा कानून
आनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने के लिए मई 2022 में छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा जुआ प्रतिषेध विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक के पास होने के साथ ही अब छत्तीसगढ़ में आनलाइन सट्टा और सार्वजनिक जगहों में जुआ खेलना कानून के दायरे में आ गया है। नए कानून के तहत आनलाइन जुआ या सट्टा खेलने और इसके संचालन करने पर सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रविधान है।
कोरोना काल में फैला जाल
कोरोना काल के दौरान महादेव एप, रेड्डी अन्ना एप और अन्य बेटिंग एप काफी प्रचलित हुए। यह आनलाइन सट्टा खेलने और खेलाने वालों के लिए एक अच्छा माध्यम बन गया। एक बुकी कई एप की आइडी लेकर शाखाओं (ब्रांचों) का संचालन करता है। इसमें महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, अंबानी बुक, बेट भाई 9 जैसे बेटिंग एप के पैनल होते हैं। प्रत्येक ब्रांच में तीन से पांच कर्मचारी चौबीसों घंटे काम करते हैं।
2019 से हुई शुरुआत
- 2019 में भिलाई से महादेव बुक शुरू हुआ। सौरभ, रवि और अतुल तीनों ने हैदराबाद में रेड्डी अन्ना बुकी से ट्रेनिंग ली। तीन लाख में महादेव एप बनवाया। आरोपितों ने इसमें 10 करोड़ निवेश कराए और दुबई चले गए। वहां से फिर आइडी बेचने लगे। चार साल में आनलाइन गेमिंग और सट्टा से करोड़ों रुपये कमा चुके हैं। आरोपित 100 से लाखों रुपये में आइडी बेच रहे हैं।
कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुबई (यूएई) से आनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी का खेल पूरे देशभर में चल रहा है। पुणे, विशाखापट्टनम, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, नागपुर, ओडिशा में ब्रांच स्थापित की गई है। ब्रांच की वेबसाइट के माध्यम से सट्टेबाजों को आनलाइन सट्टा खिलाने के लिए 10 से 15 लाख रुपये में आइडी उपलब्ध कराकर कारोबार संचालित किया जा रहा है।
सट्टे के खिलाफ लाया गया कानून
- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने के जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 लाया गया है। इस विधेयक के पास होने के साथ ही अब छत्तीसगढ़ में आनलाइन सट्टा और सार्वजनिक जगहों में जुआ खेलना कानून के दायरे में आगया है। नए कानून के अनुसार आनलाइन जुआ या सट्टा खेलने और इसके संचालन करने पर सात साल तक की सजा होगी और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान भी इसमें है।
रायपुर, दुर्ग भिलाई के 700 युवा ले चुके हैं ट्रेनिंग
- महादेव एप का संचालन करने वाले अधिकतर युवा 18 से 30 वर्ष उम्र के हैं। रायपुर और दुर्ग पुलिस से 700 युवा दुबई में तीन-तीन महीने की ट्रेनिंग दी गई है। कईयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पकड़े जा रहे युवाओं के अनुसार दुर्ग जिले में इंजीनियरिंग, मैथ्स और कामर्स की पढ़ाई कर चुके छत्तीसगढ़ समेंत अन्य राज्यों में आनलाइन सट्टा संचालित करने के लिए ऐसे पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं की भर्ती की जा रही है। एक पैनलिस्ट के माध्यम से इन्हें हर माह 18 से 30 हजार तक सैलरी और ऐशो आराम देने का लालच दिया जाता है।
कोरोना काल में फैला पूरा जाल
- छत्तीसगढ़ समेत देश भर में कोरोना काल के दौरान महादेव एपए रेड्डी अन्ना एप और अन्य बेटिंग एप बहुत ही मशहूर हुए। जो आनलाइन सट्टा खेलने वालों के लिए एक अच्छा माध्यम बन गया। इस एप के संचालन के लिए एक बुकी कई ब्रांचों का संचालन करता है। इसमें महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, अम्बानी बुक, बेट भाई 9, जैसे बेटिंग एप के पैनल लेता है। और अपने अंडर प्रत्येक ब्रांच में तीन से पांच लड़के रखकर ब्रांच का संचालन करता है।
दुबई में हुई सक्सेस पार्टी
- 2022 में तीन वर्ष पूरे होने के बाद दुबई में सक्सेस पार्टी आयोजित की गई थी। प्रदेश से कई लोग उस पार्टी में शामिल हुए थे। पार्टी में बालीवुड के कई कलाकार फिल्म एक्टर शामिल हुए थे। इसके बाद सबसे ज्यादा चर्चा में आए। पुलिस ने वहां से लौटने वालों पर कार्रवाई की।
सभी के बंटे हुए हैं काम
- कपिल चेलानी छत्तीसगढ़ में आइडी को आपरेट करता है। खुद भी आइडी चलाता है।
- सतीश चंद्राकर राज्य की लाइजनिंग व अधिकारी-कर्मचारी का मैनेजमेंट देखता है।
- राजकुमार बैंकों में खाता खुलवाने के साथ ही आइडी चलाने की ट्रेनिंग देता है।