रायपुर। Health News: राजधानी के आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल, एम्स की ओपीडी में कोरोना से स्वस्थ होने के बाद मरीज नींद न आने की समस्या लेकर सामने आ रहे हैं। इन अस्पतालों में ऐसे 200 से अधिक मामले हर रोज सामने आते हैं। जिला अस्पताल में संचालित स्पर्श क्लीनिक विशेष रूप से मानिसक समस्याओं को लेकर कार्य कर रहा है। यहां मनोचिकित्सक डॉक्टर अविनाश शुक्ला ने बताया कि कोरोना से स्वस्थ हाेने वाले मरीजों को मानसिक समस्याओं के साथ ही नींद न आने की दिक्कत है।
मरीजों की जांच के दौरान यह सामने आया है कि कोरोना के दौरान जो स्वास्थ्यगत बेचैनी और मरीज महसूस कर रहा था। वहीं दिक्कतें स्वस्थ होने के बाद भी महसूस कर रहा है। मरीजों को बीमारी और घर को लेकर चिंता रहती है। इसकी वजह से नींद की शिकायत लगातार सामने आ रही है। स्थिति सामान्य नहीं होने पर धीरे से यह मानसिक अवसाद का कारण बन रहा है।
जिला अस्पताल के स्पर्श क्लीनिक, आंबेडकर अस्पताल के मनोरोग विभाग और एम्स में हर दिन ऐसे मरीजों का इलाज और काउंसलिंग किया जा रहा है। इधर आंबेडकर अस्पताल में त्वचा रोग विशेषज्ञ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि कोरोना के दौरान त्वचा में लाल दाने और कई मरीजों में लाल दाने के साथ ही उसमें पस भर जाने की समस्या आ रही है। हालांकि, ऐसे मरीजों की संख्या बेहद कम है। लेकिन डरने की आवश्यकता नहीं है। समस्या हो तो चिकित्सक को दिखाएं। दवाओं से यह ठीक हो जाता है।
वर्जन
आंबेडकर अस्पताल नींद की समस्याओं को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। ज्यादातर यह समस्या भ्रम की वजह से देखी जा रही है। जो कोविड के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई है। लोगों को जागरूक होना जरूरी है।
-डॉक्टर सुरभि दुबे, मनोचिकित्सक, आंबेडकर अस्पताल
वर्जन
जिला अस्पताल में आने वाले पोस्ट कोविड के मरीजों में सर्वाधिक नींद की समस्या और मानसिक अवसाद के सामने आ रहे हैं। मरीजों को दवाओं से ज्यादा काउंसलिंग और दिनचर्चा में सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। यदि हम योग, ध्यान, व्यायाम करें, समय पर खानपान व नियमित दिनचर्चा का पालन करें तो यह समस्या नहीं आती है।
-डॉक्टर अविनाश शुक्ला, मनोचिकित्सक, जिला-स्वास्थ्य विभाग