रायपुर। CGPSC Result : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने सिविल जज के लिए 39 पदों पर अंतिम चयन सूची जारी कर दी है। परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों का दबदबा रहा, जिसमें 39 में से 25 महिला अभ्यर्थियों का सिविल जज में चयन हुआ है। राज्य में लागू आरक्षण रोस्टर के अनुसार, कुल रिक्त पदों में से 10 महिला आरक्षित सीट थीं। सिविल जज की चयन सूची में टाप टेन में भी नौ महिला अभ्यर्थियों ने कब्जा जमाया है।
सिविल जज में टाप करने वाली 25 वर्षीया अंकिता अग्रवाल प्रथम स्थान पर रहीं। दूसरे स्थान में दिव्या गोयल और तीसरे स्थान ऐश्वर्या दीवान चयनित हुई हैं। वहीं चौथी रैंक पर शैलेष कुमार वशिष्ठ ने पुरुष अभ्यर्थियों में स्थान प्राप्त किया है। अनुपूरक सूची में 39 अभ्यर्थियों का नाम शामिल है।
चयनित अभ्यर्थियों में 14 पदों पर अनारक्षित, छह पदों पर अजा, 13 पदों पर अजजा और छह पदों पर ओबीसी वर्ग ने कब्जा जमाया है। यानी चार अनारक्षित सीटों पर दो अजा व दो ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार ने साक्षात्कार व लिखित परीक्षा में बेहतर रैंक हासिल कर सिविल जज के पद पर कब्जा जमाया है।
अनारक्षित सीट पर अजा वर्ग से मीनू नंद ने जमाया कब्जा
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा व्यवहार न्यायाधीश के कुल 39 पदों की चयन सूची कर दी गई है। चयन सूची में 17 अनारक्षित पदों में से 7वीं रैंक पर मीनू नंद और 12वीं रैंक पर सारीका नंदे अनूसचित जाति की उम्मीदवार ने कब्जा जमाया है। जबकि अनारक्षित श्रेणी में ही 16वीं रैंक पर तिश्या पटेल और 17वीं रैंक पर कोनिका यादव ने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर अपना स्थान बनाया है।
सिविल जज की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली 25 वर्षीया अभ्यर्थी मीनू नंद सराईपाली विधायक व उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) किस्मत लाल नंद की तीसरी पुत्री हैं। रायपुर में रहते हुए मीनू ने चाणक्य ला एकडमिक को ज्वाइन कर परीक्षा की तैयारी की। लाकडाउन की वजह से परीक्षा और साक्षात्कार की आनलाइन क्लास ली।
मीनू ने सफलता का मंत्र बताते हुए सिविल जज व अन्य प्रतियोगिता परीक्षा में चयन होने के लिए कुछ टिप्स भी दिए हैंं। मीनू बताती हैं कि आप अपने लक्ष्य के प्रति धैर्य रखते हुए पूरा फोकस कर सफलता हासिल कर सकते हैं। इंटरनेट में मिलने वाली सामाग्रियों का बेहतर प्रयोग कर अपनी दक्षता बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि स्टडी के दौरान घूमने, फिरने और पार्टी में जाने से बचकर किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है। मीनू नंद बताती हैं जज बनने की प्रेरणा उन्हेंं पुलिस अफसर पिता से मिली। पिता डीएसपी होने से न्यायालय लगातार जाया करते थे। वे जज के पद व पावर के साथ समाज में सम्मान से काफी प्रभावित रहते थे और उन्होंने अपनी बेटी को जज की पढाई करने के लिए प्रेरित किया।
विधायक किस्मत लाल ने पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव में मैदान पर उतर कर सर्वाधिक वोटों से जीत हासिल कर राजनिती में कदम रखा था। वह तीन पुत्रियों और एक पुत्र अंकित नंद के पिता हैं। उनकी एक पुत्री दिलेश्वरी नंद पुलिस सेवा में जांजगीर-चांपा जिले में डीएसपी के पद पदस्थ हैं और दूसरी पुत्री शिक्षिका है।
बचपन से थी पढ़ाई में अव्वल
बेटी मीनू नंद के चयन होने पर पिता ने बधाई देते हुए कहा कि मीनू बचपन से पढाई लिखाई में तेज थी आज उसने अपना सपना पूरा कर क्षेत्र को गौरवांन्वित किया है। मीनू ने वर्ष 2015 से साइंस कालेज बिलासपुर से बीएससी साइंस की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने कम्प्यूटर साइंस की डिग्री हासिल कर वर्ष 2018 में छत्तीसगढ कालेज से एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद सिविल जज की परीक्षा दी।