छत्तीसगढ़ ने खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ाए कदम, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से 2.65 लाख बच्चे हुए कुपोषण मुक्त
प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से दो लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में सफलता मिली है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Fri, 03 Feb 2023 11:03:48 AM (IST)
Updated Date: Fri, 03 Feb 2023 11:03:48 AM (IST)

रायपुर। राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कुपोषण के कुचक्र को तोड़ने के लिए चलाये जा रहे प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषण के दायरे में आने वाले दो लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में सफलता मिली है।
अभियान के तहत एक लाख 50 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों को गंभीरता से लेते हुए दो अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई थी। अभियान के तहत छह वर्ष तक के कुपोषित बच्चों और 15 से 49 वर्ष तक की एनीमिक महिलाओं को गर्म पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अलावा राज्य सरकार ने गर्भस्थ शिशुओं से लेकर सुरक्षित प्रसव, माताओं और शिशुओं के स्वस्थ विकास के विभिन्न् पहलुओं पर समुचित ध्यान दिया। इससे मातृत्व मृत्यु दर भी 159 से घटकर 137 हो गई है। दूसरी संतान भी बेटी होने की स्थिति में किसी भी तरह की सहायता का प्रविधान पहले नहीं था। इस अंतर को पाटने के लिए राज्य सरकार ने कौशल्या मातृत्व सहायता योजना शुरू की। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को एकमुश्त पांच हजार रुपये प्रदान किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने 2011 की जनगणना के अनुसार सार्वभौम पीडीएस के तहत दो करोड़ 61 लाख हितग्राहियों को शत-प्रतिशत खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य पूरा कर लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 64 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं नि:शक्तजन राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता का चावल नि:शुल्क वितरण किया।