रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के मौके पर ईद मिलादुन्नबी मनाई जाती है। इस वर्ष भी 21 नवम्बर बुधवार को पूरी दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनेगी। हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम इस्लाम के आखिरी पैगंबर व शांति के दूत बनकर दुनिया में तशरीफ लाए। उन्होंने दुनिया में फैली तमाम बुराइयों को दूर करने व शांति का पैगाम देने का काम किया। इनकी यौमे पैदाइश के मौके पर इस्लाम धर्म के लोग बड़े ही अकीदत के साथ ईद मिलादुन्नबी मनाते हैं। इस अवसर पर महफिल-ए-मिलाद, फातिहा ख्वानी, मुशायरा कुरान की तिलावत की जाती है। इसके लिए रायपुर शहर में तैयारियां जोरों से चल रही हैं। अभी से घरों, मस्जिदों में मिलाद की महफिल, फातिहा ख्वानी, नात ख्वानी शुरू कुरआन ख्वानी हो चुकी है। मस्जिदों, दरगाहों, घरों व गलियों को लाइटों, फूलों, झालरों, गुब्बारों आदि से सजाया गया है। 21 नवम्बर बुधवार को सुबह सात बजे परचम कुशाई के बाद रैली का आयोजन किया जाएगा।
बुराइयां दूर कीं, सभी को समान दर्जा दिलाया
खुशी का खिल उठा गूंचा नबी उन नूर आया है, घरों पर लग गया परचम नबी उन नूर आया है। हमारी कौम का हर बच्चा अदब की शान है, सड़कों पर इमामा बांध कर निकला नबी उन नूर आया है। जी हां, ईद मिलादुन्नबी यानी इस्लाम के आखरी पैगंबर व संस्थापक हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। मोहम्मद साहब का जन्म 12 तारीख, रबीउल अव्वल महीने के सुबह-ए-सादिक (सवेरे-सवेर) के समय 571 ईसवी मक्का में हुआ। इस्लाम के आखरी पैगंबर मोहम्मद सल्लाह अलै. की इसी याद में ईद मिलादुन्नबी मनाई जाती है।
मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम मक्का में पैदा हुए, जिन्हें अल्लाह ने फरिश्तों के सरदार जिब्राइल अलै. के मार्फत पवित्र संदेश देने के लिए दुनिया में अवतरित किया। हजरत मोहम्मद ने दुनिया में आने के बाद शांति का पैगाम दिया। आप जब धरती पर तशरीफ लाए तो उस समय समाज में तमाम बुराइयों से लिप्त था, जिसमें शराबखोरी, जुआखोरी, लूटमार, वेश्यावृत्ति, बच्चियों के पैदा होने पर जिंदा दफना देन आदि कई बुराइयां समाज में मौजूद थीं। मोहम्मद सल्लाह अलै. इन तमाम बुराइयों को दूर करने का काम किया और समाज में सभी को एक समान का दर्जा दिया। हजरत मोहम्मद सल्लाह अलै. ने बुजुर्गों व महिलाओं को इज्जत दिलाई, वहीं बच्चों को शफकत बख्शी। आपने इस्लाम को अखलास व प्रेम की बुनियाद पर पूरी दुनिया में फैलाया व लोगों को शांति से जीवन बसर करने का संदेश दिया।
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वर्जन
00 ईद मिलादुन्नबी हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलै. के विलादत के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम समाज के सभी लोग एक दूसरे के गले मिलकर ईद मिलादुन्नबी की बधाई देते हैं और खुशियां मनाते हैं। साथ ही इस अवसर जुलूस निकाल कर अपन-ओं-चैन व भाई चारगी का संदेश देते हैं। जुलूस को पूरे शहर में घुमाया जाता है, जिसका इस्तकबाल जगह-जगह पर सभी धर्म के लोग करते हैं। साथ ही कई जगहों पर लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसे सभी लोग ग्रहण करते हैं।
- हाजी अकरम कुरैशी, अध्यक्ष सीरतुन्नबी कमेटी, रायपुर
00 हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलै. दुनिया में आखिरी पैगंबर हैं। इनके बाद कयामत तक कोई नबी नहीं आने वाले। मोहम्मद सल्लाहो अलै. समाज से तमाम बुराइयों को दूर किया और सभी को शांति व भाईचारगी के साथ रहने का संदेश दिया। मोहम्मद सल्लाहो अलै. ने बच्चा, बुजुर्गों व महिलाओं को इज्जत बख्शी। उन्हीं के जन्मदिन पर पूरी दुनिया में ईद मिलादुन्नबी मनाई जाती है।
- मौलाना जहीरउद्दीन रिजवी जनरल सेकरेटरी छत्तीसगढ़ औलमा तनजीम रायपुर
00 मोहम्मद सल्लाहो अलै. का जन्म जब हुआ तो रात गुजर रही थी व सुबह हो रहा था यानि इनका जन्म सुबहे सादिक के समय हुआ, जिससे पता ये चला कि ये दोनों आलम के लिए रहमत बनकर आए। ईद मिलादुन्नबी पूरी दुनिया में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। यहां भी मनाई जाएगी।
- हाजी शब्बीरउद्दीन अहमद उपाध्यक्ष सीरतुन्नबी कमेटी, रायपुर